मंडेला के मूल्यों की अभी ज्यादा जरूरत: सुषमा

 25 Sep 2018  1293
संवाददाता/in24 न्यूज़. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यहां कहा कि नेल्सन मंडेला के मूल्यों की अभी ज्यादा जरूरत है. उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका के दिवंगत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला की ओर से अपनाए गए त्याग, करुणा एवं समावेश के मूल्य आज ‘‘टकरावों, आतंक और नफरत भरी विचारधारा वाली’’ दुनिया में पहले से ज्यादा प्रासंगिक हैं। मदीबा के नाम से मशहूर मंडेला के साथ भारत के मजबूत रिश्ते का जिक्र करते हुए स्वराज ने कहा कि भारतीय उन्हें अपना मानते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमें गर्व है कि हम उन्हें ‘भारत रत्न’ कहते हैं।’’ संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र में बहस की शुरूआत से एक दिन पहले सोमवार को आयोजित नेल्सन मंडेला शांति सम्मेलन में स्वराज ने कहा, ‘‘नेल्सन मंडेला का जीवन सभी के लिए प्रेरणा है। भेदभाव और प्रतिकूल स्थिति के बाद भी उन्होंने निडरता और साहस दिखाया।’’ स्वराज ने कहा कि मंडेला की ओर से अपनाए गए त्याग, करुणा और सामाजिक समावेश के मूल्यों की अब मौजूदा उथल-पुथल भरी दुनिया में पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है। मंडेला के जन्मशती समारोह में आयोजित हो रहे नेल्सन मंडेला शांति सम्मेलन में वैश्विक शांति पर जोर है। स्वराज ने कहा कि आज दुनिया ‘‘संघर्षों, आतंक और नफरत भरी विचारधारा से भरी है जो सीमाओं से परे हैं और हमारी जिंदगी पर असर डाल रहे हैं।’’उन्होंने कहा, ‘‘एक वैश्विक परिवार के तौर पर हमारे सामूहिक अस्तित्व को मंडेला जैसे महान नेता की बुद्धिमता की जरूरत है और यह हमारा नैतिक दायरा होना चाहिए।’’ मंडेला को 1990 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था। वह उन दो गैर-भारतीयों में शामिल हैं जिन्हें ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया है। मंडेला के अलावा खान अब्दुल गफ्फार खान को 1987 में ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘भारत, अफ्रीका एवं उसके लोगों के साथ अपने विशेष संबंध और लंबे समय से कायम साझेदारी पर गर्व करता है। मंडेला और गांधी के दर्शन में हमारा करीबी रिश्ता झलकता है।’’