संजय मिश्रा/in24न्यूज़/मुंबई
राजनीति में एक दूसरे पर कटाक्ष करना, आरोप मढ़ना, छींटा कसी करना तो आम बात हो गई है लेकिन अब राजनेताओं ने ऐसा लगता है कि राजनीति की परिभाषा ही बदल दी है. अब तो राजनीति में पर्सनल अटैक होने लगा है. लोग मुद्दे को छोड़कर परिवार तक पहुँच जाते हैं. यहां तक कि शह और मात के इस खेल में एक दूसरे की जान लेने पर भी आमादा हो जाते हैं. दो फरवरी 2024 की रात उल्हासनगर के हिल लाइन पुलिस स्टेशन में जो कुछ भी हुआ, उसे देखने और सुनने के बाद हर कोई दहशत में है ये सोचकर, कि जिन नेताओं को जनता की सेवा करने के लिए चुना जाता है जिन नेताओं पर जनहित की समस्याओं को सुलझाने की बड़ी जिम्मेदारी होती है, वही नेता अपने हाथ में हथियार उठा ले रहे हैं. जो संभावित सुनहरे भविष्य के लिए अच्छे संकेत नहीं हो सकते. महाराष्ट्र की सत्ता पक्ष में काबिज शिंदे फडणवीस और पवार की सरकार में आखिर चल क्या रहा है. आखिर क्यों एक दूसरे को सपोर्ट करने के बजाये एक दूसरे के खून के प्यासे हो रहे हैं सत्तारूढ़ पार्टी के स्थानीय नेता और स्थानीय विधायक. आज की सबसे बड़ी खबर है मुंबई से सटे ठाणे जिले के अंतर्गत आने वाले उल्हासनगर इलाके से, जहां भाजपा विधायक गणपत गायकवाड़ ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता महेश गायकवाड़ को उस समय गोली मार दी, जब हिल लाइन में सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर अनिल जगताप के दालन में जमीन विवाद को लेकर दोनों के बीच बहस चल रही थी. बीजेपी विधायक भले ही अपने आपको पाक साफ़ बता रहे हों लेकिन सवाल वही कि इन्साफ के लिए या स्वाभिमान के लिए कोई किसी पर गोली कैसे चला सकता है. वो भी गणपत गायकवाड़ जैसी शख्सियत, जो कि न सिर्फ एक जनप्रतिनिधि है ना सिर्फ सत्ताधारी पार्टी का विधायक है बल्कि एक ऐसी पार्टी का नेता है जिसका परचम देश के कई राज्यों में लहरा रहा है. शुक्रवार की देर रात उल्हासनगर के हिल लाइन पुलिस स्टेशन में हुई गोलीबारी के बाद स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है. लोगों के जेहन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं कि जिस पुलिस स्टेशन को सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता है वहां भी सुरक्षा राम भरोसे ही है. गौर करने वाली बात ये है कि फायरिंग की वारदात को अंजाम देने के बाद बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ ने एक मराठी प्रादेशिक चैनल को दूरध्वनी के जरिये जो जानकारी दी है, वो भी हैरान कर देने वाली है. दरअसल अपने सम्भाषण में गणपत गायकवाड़ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे पर गंभीर आरोप लगाए हैं जिसकी in24 न्यूज़ फिलहाल पुष्टि नहीं करता चूँकि ये मामला इन्वेस्टिगेशन का है और इन्वेस्टिगेशन के बाद ही इसकी असली सच्चाई सामने आ पाएगी. वहीं दूसरी ओर गणपत गायकवाड़ द्वारा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर लगाए गए आरोप के बाद से ही महाराष्ट्र की राजनीति भी गरमा गई है. और गणपत गायकवाड़ के इसी बयान के बाद विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. in24 न्यूज़ के पास जो जानकारी आई है उसके अनुसार, पुलिस ने इस मामले में भाजपा विधायक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं. वहीं इस मामले को लेकर डीसीपी सुधाकर पठारे ने क्या कुछ जानकारियां दी है आइये आपको सुनाते हैं. वहीं इस घटना के बाद कांग्रेस पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोपी गणपत गायकवाड़ के बयान को पकड़ कर महाराष्ट्र की शिंदे सरकार पर हमला बोला. उल्हासनगर के हिल लाइन पुलिस स्टेशन में हुई फायरिंग की इस वारदात को लेकर शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि ये एक प्रकार का गैंगवार है जो कि सरकार के इशारे पर चल रही है. उन्होंने इस मामले को लेकर महाराष्ट्र के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग कर डाली. उन्होंने इस पूरे मामले को संसद में उठाने की भी बात कही. बता दें कि गणपत गायकवाड, कल्याण पूर्व विधानसभा सीट से भाजपा विधायक हैं और वे तीन बार से लगातार विधायक हैं. उनकी जीत का सिलसिला साल 2009 से शुरू हुआ और तब से ही वे लगातार चुनाव जीत रहे हैं. गणपत गायकवाड दो बार निर्दलीय विधायक रहे हैं. गणपत गायकवाड ने सुलभा गायकवाड़ से शादी की है और उनके तीन बच्चे वैभव गायकवाड, सायली गायकवाड़ और प्रणव गायकवाड. वहीं, शिवसेना नेता महेश गायकवाड़ कॉर्पोरेटर के साथ-साथ शिंदे गुट की शिवसेना के उल्हासनगर शहर प्रमुख हैं. महेश गायकवाड़ को सीएम एकनाथ शिंदे का बेहद करीबी माना जाता है. महेश गायकवाड उल्हासनगर शिवसेना के प्रमुख भी हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता इस घटना को लेकर सरकार को निशाने पर लिया है. उनका कहना है कि उल्हासनगर के एक पुलिस स्टेशन में भाजपा विधायक गणपत गायकवाड और शिंदे गुट के कोरपोरेटर के बीच फायरिंग की घटना हुई है. भाजपा के बॉस 'सागर' बंगले में बैठे हैं और शिंदे गुट के बॉस 'वर्षा' बंगले में बैठे हैं, इसलिए दोनों पार्टियों के पदाधिकारियों और विधायकों को लगता है कि वह पुलिस के साथ खेल सकते हैं और कानून को अपने हाथ में ले सकते हैं. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने इस घटना को लेकर कहा यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 'जिस विधायक को लोगों की भलाई के लिए काम करना चाहिए, वे लोगों पर फायरिंग कर रहे हैं. उद्धव गुट का कहना है कि तीन इंजन की सरकार में दो पार्टियों के नेता लड़ रहे हैं और एक दूसरे को मारने की कोशिश कर रहे हैं.' दरअसल भाजपा विधायक गणपत गायकवाड़ और शिवसेना नेता महेश गायकवाड के बीच कल्याण पूर्व में एक संपत्ति पर मालिकाना हक को लेकर विवाद चल रहा है. आपको बता दें कि इस मुद्दे पर दोनों पक्ष बीते 31 जनवरी को आमने-सामने आ गए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों पक्ष इसी मामले में शिकायत करने के लिए शुक्रवार शाम को उल्हासनगर के हिल लाइन पुलिस स्टेशन पहुंचे थे. इसी दौरान दोनों पक्षों में फिर विवाद हो गया और विवाद इतना बढ़ा कि भाजपा विधायक पर आरोप है कि उन्होंने महेश गायकवाड़ और उनके समर्थकों पर फायरिंग कर दी. इस घटना की सीसीटीवी भी सामने आई है कि कैसे पुलिस स्टेशन के अंदर ही सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर की केबिन में बीजेपी विधायक ने अपना आपा खो दिया और तड़ातड़ गोलियां विरोधियों पर उतार दी. फायरिंग की इस वारदात में शिवसेना नेता और उनके एक समर्थक को दो-दो गोलियां लगी हैं. दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. महेश गायकवाड़ के शरीर में लगी गोलियां डॉक्टर ने निकाल दी हैं लेकिन महेश की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है, जबकि उनका ऑपरेशन सफलता पूर्वक डॉक्टरों ने पूरा कर लिया है. वहीं पुलिस ने इस मामले में भाजपा विधायक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. जिस जमीन को लेकर ये सारा विवाद हुआ है, उस जमीन के मालिक ने भी इस मामले को प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने साफ़ कर दिया है कि इस जमीन से गणपत गायकवाड़ का कोई संबंध नहीं है. गणपत गायकवाड़ ने गोलीबारी की वजह जमीन विवाद बताया, उनका कहना है कि 10 साल पहले उन्होंने एक भूखंड खरीदा था. कुछ कानूनी मसले थे, लेकिन उन्होंने अदालत में मामला जीत लिया. उनका आरोप है कि महेश गायकवाड ने उनके भूखंड पर जबरन कब्जा कर लिया और इसी मामले को लेकर विधायक गणपत गायकवाड अपने बेटे के साथ जमीन के संबंध में शिकायत दर्ज कराने उल्हासनगर के हिल लाइन पुलिस स्टेशन पहुंचे थे. उन्होंने अपने द्वारा किए गए इस कृत्य पर कहा कि उन्हें कतई पछतावा नहीं है. क्योंकि उनके बेटे पर हाथ उठाया गया, जिसे वह बर्दाश्त नहीं कर सके और उन्होंने रिवाल्वर निकाल कर पुलिस स्टेशन के अंदर ही महेश गायकवाड और उनके सहयोगियों पर फायरिंग कर दी. बहरहाल ऐसा पहली बार देखने को मिला है कि कोई विधायक पुलिस थाने के अंदर ही अपने विरोधी पर गोली चला देता है और इस कृत्य पर कतई पछतावा नहीं होता. वैसे गणपत गायकवाड की इस हरकत को कतई स्वीकारा नहीं जा सकता. भारतीय संविधान में किसी को यह हक नहीं दिया है कि वह न्याय के लिए कानून अपने हाथ में ले ले इसके लिए पुलिस है, जांच एजेंसियां हैं और न्यायपालिका है. अब सबसे बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि गणपत गायकवाड के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई होती है और भारतीय जनता पार्टी अपने इस विधायक के खिलाफ क्या कार्रवाई करती है.