संवाददाता/ in24 न्यूज़
गुरुग्राम (gurugram) के सेक्टर 109 में स्थित चिंटल पैराडिसो सोसाइटी (Chintels Paradiso Society) में हुए हादसे को लेकर ऊंची इमारतों में रहने वाले लोगों की नींद उड़ गयी है. चिंटल पैराडिसो सोसाइटी के 7 फ्लोर एक के एक अपने आप ढहते चले गए. यह हादसा उस वक्त हुआ जब आठवें फ्लोर पर काम चल रहा था. इस हादसे में अचानक सातवीं से लेकर पहली मंजिल तक की छत और फर्श भरभरा कर नीचे आ गिरे। इस हादसे में दो महिलाओं की मौत हुई है जबकि राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है। इस हादसे का कारण बिल्डिंग बनाने के मटेरियल में यूज किये गए मिलावटी सामान को बताया गया.
इस हादसे के बाद लोगों में इस बात का डर बैठ गया है कि वे जिस बिल्डिंग में रह रहे हैं वह कितनी मजबूत है? दरअसल किसी भी बिल्डिंग के कंस्ट्रक्शन के दौरान उसकी छत कितना मजबूत है, यह जानने के लिए छत का क्वालिटी चेक होना चाहिए। इसके लिए देश में लैब्स भी मौजूद हैं, जहां छत में लगे कॉन्क्रीट का सैंपल टेस्ट होता है।
कॉन्क्रीट का सैंपल टेस्ट करने के लिए भारत में सभी नियम और कानून हैं लेकिन सवाल यह है कि इसे कितने बिल्डरों द्वारा फॉलो किया जाता है? कई बिल्डर ऐसे है जो घपलेबाजी करते हैं। घपलेबाज बिल्डर केवल बिल्डर ग्राउंड फ्लोर या फिर फर्स्ट फ्लोर के लेंटर, प्लास्टर या दीवार का मैटेरियल टेस्टिंग के लिए ही लैब में भेजते हैं। इसके आधार पर उन्हें सब कुछ ठीक होने की रिपोर्ट मिल जाती है.... इसके बाद बिल्डर पैसा बचाने के लिए बाकी फ्लोर के लिए उतना मजबूत कंस्ट्रक्शन मैटेरियल नहीं मिलाते हैं. फ्लैट्स और बिल्डिंग की बाहरी फर्निशिंग को देखकर लगता है कि अंदर से भी ये मजबूत होंगे। एक बार जब बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाती है तो फिर क्वालिटी चेक के नाम पर कोई भी फ्लैट खरीदार छत या दीवार तो नहीं तुड़वा नहीं पाता।
अकसर विशेषज्ञों द्वारा रेडी टू मूव प्रॉपर्टी को खरीदने के लिए ग्राहकों को सावधान रहने की सलाह देते हैं. दरअसल रेडी टू मूव प्रॉपर्टी पहले से तैयार यूनिट होती हैं। एक बार पूरी तरह से तैयार होने के बाद इमारत के कंस्ट्रक्शन क्वालिटी को लेकर बदलाव नहीं किया जा सकता। अगर कोई भी ग्राहक किसी अंडर कंस्ट्रक्शन टावर में फ्लैट खरीदता है तो ग्राहक को किसी एक्सपर्ट को साइट पर साथ ले जाकर बिल्डिंग की क्वालिटी की जांच करानी चाहिए। और अगर तैयार बिल्डिंग में फ्लैट ले रहे हैं तो क्वालिटी एश्योरेंस और क्वालिटी कंट्रोल टीम के साथ जांच की जा सकती है।
फ्लैट लेते वक्त किन बातों का रखें ध्यान?
बिल्डर की हिस्ट्री जरूर चेक करना चाहिए, अगर बिल्डर पुराना है तो उस पर भरोसा किया जा सकता है।
बिल्डिंग के आसपास की जमीन की जांच करें, कहीं पानी तो नहीं जमा होता या गीली मिट्टी में तो नहीं बनी है। साथ ही मिट्टी की जांच की कॉपी भी मांग सकते हैं।
प्रॉजेक्ट को सभी संबंधित विभागों से मंजूरी मिली है या नहीं।
बिल्डिंग की जमीन किसी मुकदमे के तहत तो नहीं आती या फिर प्रॉजेक्ट अवैध निर्माण तो नहीं है।
फ्लैट बुक करने से पहले स्ट्रक्चर सर्टिफिकेट की कॉपी मांगे, जो इंजीनियर तैयार करता है।