मौत का संकेत देता है बनारस का यमराज कुंआ

 15 Jul 2022  453

संवाददाता/in24 न्यूज़.
लगभग हर इंसान अपनी ज़िंदगी और मौत को लेकर उस बारे में जानना चाहता है। भारत में भी कई ऐसी रहस्यमयी चीजों को लेकर मान्यताएं हैं, जिन पर साइंस सटीक नहीं बैठती, लेकिन फिर भी लोगों को इन आस्थाओं में पूरा विश्वास है। भारत में ऐसे कई मंदिर हैं, जिनको लेकर लोगों में दृढ आस्थाएं हैं। बनारस में भी बाबा काशी विश्वनाथ और मणिकर्णिका घाट के अलावा कई ऐसे मंदिर हैं जिनको लेकर लोगों में आस्था है। यहां एक रहस्मय कुंआ है, जिसे यमराज का कुंआ (Yamraj well) बताया जाता है। यह कुंआ भक्तों को मौत के बारे में संकेत देता है। दरअसल, बनारस में मीरघाट के ऊपर धर्मेश्वर महादेव मंदिर है। इस मंदिर में ही यह रहस्मय कुंआ है, जिसे धर्मकूप के नाम से भी जाना जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, मंदिर के पुजारी का कहना है कि इस कूप का इतिहास गंगा के धरती पर आने से पहले का है। इसे सूर्यपुत्र यम ने बनवाया था। साथ ही ऐसी मान्यता है कि गंगा अवतरण के पूर्व यहां धर्मराज यम ने तपस्या की थी। यमराज के इस रहस्मय कुएं को लेकर मान्यता है कि यह कुआं मौत का संकेत देता है। माना जाता है कि अगर इस कुएं में व्यक्ति की परछाई नहीं दिखाई देती तो अगले छह महीने में उसकी मृत्यु हो जाती है। हालांकि, इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं लेकिन आसपास के लोगों की ऐसी मान्यता है। साथ ही इस प्राचीन मंदिर को लेकर मान्यताएं हैं कि यहां पर भगवान शिव और यमराज एक साथ विराजते हैं। यहां के लोगों में मान्यता है कि धर्मेश्वर महादेव प्राचीन मंदिर में बने धर्म कुएं का निर्माण स्वयं यमराज द्वारा किया गया था।  ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव पृथ्वी पर मृत्यु को प्राप्त होने वाले व्यक्तियों को स्वर्ग या नरक में ले जाने को लेकर व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे थे। इसी दौरान यमराज भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या कर रहे थे, परंतु यमराज को भगवान शिव को प्रसन्न करने में कामयाबी नहीं मिल रही थी। इस पर भगवान विष्णु ने यमराज को कुंड बनाने और उसमें स्नान करने के बाद भगवान की तपस्या करने की सलाह दी। इसके बाद यमराज ने ऐसा ही किया और भगवान शिव, यमराज से प्रसन्न हुए, जिसके बाद भगवान ने यमराज को स्वर्ग और नर्क जाने वाले लोगों की जिम्मेदारी सौंपी। साथ ही कहा जाता है कि भगवान शिव ने यमराज का नामकरण भी किया था। तभी से यह प्रथा चली आ रही है कि कुएं में परछाई न देखने पर व्यक्ति की छह महीने के अंदर मृत्यु हो जाती है। बता दें कि अंधविश्वास में डूबे लोगों को इस यमराज के कुंए के पास देखा जाता है।