नई शिक्षा पद्धति पर महाराष्ट्र सरकार का चिंतन-मनन 

 30 Dec 2017  1232

सौम्य सिंह/in24 न्यूज़  

11वीं और 12वीं  की शिक्षा पद्धति में हुए बदलाव के बाद विद्यार्थियों के मन में फेल होना और कम मार्क्स मिलने का डर सता रहा है। इन सब मुद्दों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार वैकल्पिक और अवैकल्पिक प्रश्न पत्र देने पर विचार कर रही है।

इस पर शिक्षाविदों से विचार विमर्श करने के बाद सरकार अंतिम फैसला लेगी। इस खबर की पुष्टि राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने की। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में इंजीनियरिंग और मेडिकल की एक ही प्रवेश परीक्षा होने वाली है।

आपको बता दें कि इंजीनियरिंग की स्वतंत्र प्रवेश परीक्षा होती है और मेडिकल के लिए नीट की परीक्षा होती है। लेकिन राज्य में नीट परीक्षा को लेकर पाठ्यक्रम नहीं है, इससे राज्य के विद्यार्थियों को यह परीक्षा देने में कठिनाई होती है। इस बात को ध्यान में रखकर 11वीं की परीक्षा पद्धति में बदलाव किया गया है। 

नई परीक्षा पद्धति के अनुसार विद्यार्थियों के लिए वैकल्पिक प्रश्न उपलब्ध नहीं होंगे। इससे विद्यार्थियों को पूरा प्रश्नपत्र हल करना होगा। इसका असर पिछले दिनों हुए छमाही परीक्षा परिणाम पर पड़े हैं। इसमें 40 फीसदी विद्यार्थी अनुत्तीर्ण हुए हैं। अगर ऐसा ही परीक्षा परिणाम आया तो इसका असर 11वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम पर पड़ेगा।