एक साल में बेरोजगार होने से हज़ारों लोग दे सकते हैं जान

 02 Jun 2020  698

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
कोरोना वायरस की महामारी ने आर्थिक, मानसिक और शारीरिक रूप से लोगों को परेशान कर दिया है. इस खतरनाक वायरस ने दुनियाभर में रोजगार का संकट पैदा कर दिया है. बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां जा रही हैं. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मानसिक परेशानियों से गुजर सकते हैं. कई कारोबार बंद हो रहे हैं और लोगों में जॉब इन-सिक्योरिटी बढ़ती जा रही है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. एक नए अध्ययन में सामने आया है कि कोविड-19 के कारण नौकरियां जाने से एक साल में दुनियाभर में लगभग 9,570 से अधिक सुसाइड हो सकते हैं. यह अनुमान स्विस शोधकर्ता 'वुल्फराम कावोहल एंड कार्लोस नॉर्ड' ने एक नए लैंसेट नोट में लगाया है. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के अनुमानों का उपयोग करते हुए कहा गया है कि वैश्विक बेरोजगारी 4.9 प्रतिशत से 5.6 प्रतिशत तक घट सकती है. नतीजतन, आत्महत्याएं 9,570 प्रति वर्ष बढ़ेंगी. आईएलओ का अनुमान है कि कोविड -19 से उत्पन्न स्थिति के कारण 5.3 मिलियन से 24.7 मिलियन के बीच नौकरियों का नुकसान हुआ है. इस विश्लेषण में उसी मॉडल का इस्तेमाल किया गया है जो 2000 और 2011 के बीच नौकरियों के कारण आत्महत्या के अध्ययन में किया गया था. इसमें 2008 का आर्थिक संकट शामिल था. अध्ययन में विश्व स्वास्थ्य संगठन का हवाला देते हुए कहा गया है आत्महत्या का प्रयास करने वाले 20 लोगों एक आत्महत्या करता है. 2008 के आंकड़ों से पता चला है कि आत्महत्याएं बेरोजगार होने से पहले भी बढ़ती हैं. इसका मतलब है कि अधिक लोगों को महामारी के दौरान मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं से मदद की आवश्यकता हो सकती है और मानसिक स्वास्थ्य प्रणाली पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है. चेतावनी दी गई है कि अर्थव्यवस्था में गिरावट और कोविड-19 मानसिक स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों के जोखिम का बढ़ा सकता है.