4 महिने की लडकी ने,दिया मौत को चकमा

 11 May 2017  1574
ब्यूरो रिपोर्ट, in 24 न्यूज़ मुंबई

महाराष्ट्र में जन्मी विदिशा अपने जन्म के समय से दिल कि गंभीर बीमारी से पीडित थी।  विदिशा को उसके दिल के बीमारी कि वजह से 12 घंटे कि सर्जरी से गुजरना पडा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सर्जरी के बाद विदिशा को 6 बार दिल का दौरा भी झेलना पडा। इन तमाम तकलीफों के बीच भी विदिशा जीवित है, ये किसी चमत्कार से कम नही। इसी वजह से विदिशा को जानने वाले उसे 'जादुई बच्ची' के नाम  से पुकार रहें है। विदिशा कि माँ विशाखा ने बताया कि उनकी बच्ची जब तकरीबन 45 दिन कि थी, तब उन्होने विदिशा को अपना दूध पिलाया जिसके बाद विदिशा ने उल्टी कर दि और बाद मे वो बेहोश हो गई। घर वालों ने उसे जगाने कि कोशिश कि पर वो फिर से बेहोश हो गयी। विदिशा के माता-पिता उसे नजदीकी नर्सिंग होम में ले गए ।जहाँ उसे बी.जे वाडिया हॉस्पिटल ने भर्ती करवाने कि सलाह दि गयी.  वहां पता चला कि विदिशा का हार्ट डिफेक्ट है, उसके हार्ट का आकार सामान्य हार्ट से बिल्कुल उल्टा था।

 14 मार्च को बच्ची की सर्जरी करने वाले वाडिया अस्पताल के पैडियाट्रिक सर्जन डॉ. विश्वा पांडा ने कहा कि विदिशा का दिल एक सामान्य दिल से अलग है. जटिल सर्जरी के बाद विदिशा के दिल ने तो सही से काम करना शुरू कर दिया, लेकिन उसके कमजोर फेफड़े पर कुछ असर नहीं पड़ा। सर्जन डॉ. विश्वा पांडा ने बताया कि सर्जरी के बाद विदिशा 51 दिनों के लिए आईसीयू में थी, इन दिनों में उसे 6 बार हार्ट अटैक का सामना करना पडा और उसके फेफडे को सही अवस्था में लाने के लिए ऑसिलेटरी वेंटिलिटर का इस्तेमाल करना पडा। 4 महिने कि विदिशा पिछले 2 महिने से हॉस्पिटल में है। वही पर विदिशा की देखभाल होती है।कल्याण के रहने वाले विशाखा और विनोद वाघमारे की बेटी विदिशा 4 महिने की है। कुछ दिनो में ही उनकी बेटी को हॉस्पिटल से डिसचार्ज दिया जायेगा। विदिशा के पिता विनोद वाघमारे मुश्किल से इलाज के 5 लाख में से केवल 25,000 की रकम जुटा पायें ,जबकि बची हुई रकम हॉस्पिटल के डोनर्स ने दी।