रेप पीड़िता के मां-बाप को मांसाहारी भंडारा करने का फरमान

 13 Jun 2019  1067

संवाददाता/in24 न्यूज़.   

सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास का नारा देनेवाली सरकार के इस देश में गरीब होना और छोटी जाति का होना शायद गुनाह है, शायद इसीलिए मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले से एक बेहद असंवेदनशील और मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया. यहां पंचों ने छुआछूत के नाम पर रेप पीड़िता के शुद्धिकरण के लिए परिजनों को मांसाहारी भोज कराने का फरमान सुनाया. लेकिन जब उन्होंने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया तो पंचों ने उन्हें समाज से बाहर कर दिया. इस अजीब फैसले से पीड़ित परिवार परेशान है. न तो सामाजिक कार्यक्रमों में उसे बुलाया जा रहा है और न ही कोई उनके घर में किसी कार्यक्रम में आ रहे हैं. ऐसे में अब पीड़िता के माता-पिता राजगढ़ पहुंचे और जिम्मेदारों से न्याय की गुहार लगाई. इस अजीब फैसले को लेकर मामले की शिकायत मानव अधिकार आयोग में भी की गई है.  यह पूरा मामला राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ क्षेत्र के डूंगरपुरा गांव का है. गांव में एक लगभग 17 साल की किशोरी के साथ गांव के ही सियाराम नाम के युवक ने जबरन ज्यादती की. जिसकी रिपोर्ट पीड़ित परिवार ने पुलिस में की. लगभग 8 दिन बाद एफआईआर के बाद आरोपी को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया, लेकिन पीड़िता का समाज आरोपी से बड़ा था. ऐसे में समाज ने लड़की की शुद्धि के लिए अजीब फरमान सुनाया. गांव के लोगों ने पीड़िता के माता-पिता से गांव में भंडारा कराने के लिए कहा. इस फरमान के लिए समाज के गांव के ही नहीं, बल्कि आसपास के ग्रामीण भी जुटे. सभी ने लिखित में यह पंचनामा तैयार किया. जिस पर पीड़िता के माता-पिता के भी हस्ताक्षर कराए.