देश भर में आज करवा चौथ का पर्व

 17 Oct 2019  839

संवाददाता/in24 न्यूज़।    
सुहागिन महिलाओं का पसंदीदा त्यौहारों में से एक है करवा चौथ. आज पूरे देश में करवा चौथ का पर्व बड़े उत्साह से महिलाएं मना रही हैं. गौरतलब है कि आज महिलाओं ने सुबह सरगी खाकर व्रत शुरू कर दिया है. पूरे दिन निर्जला व्रत रह कर महिलाएं शाम को करवा माता की पूजा और कथा पढ़ने के बाद महिलाएं छलनी से चांद को देखकर अपने पति के हाथों पानी पीकर व्रत खोलेंगी. इस दिन करवा माता की पूजा का विशेष महत्व है. करवा चौथ का व्रत बिना कथा के अधूरा माना जाता. इसलिए करवा चौथ की पूजा के बाद इस व्रत कथा का विशेष महत्व है. प्राचीन समय की बात है इंद्रप्रस्थ नाम के एक नगर में वेद शर्मा नामक एक ब्राह्मण रहता था. उसकी पत्नी का नाम लीलावती था. उसके सात पुत्र और वीरावती नामक एक पुत्री थी. युवा होने पर वीरावती का विवाह करा दिया गया. इसके बाद जब कार्तिक कृष्ण चतुर्थी आई तो वीरावती ने अपनी भाभियों के साथ करवा चौथ का व्रत रखा, लेकिन भूख-प्यास से वह चंद्रोदय के पूर्व ही बेहोश हो गई. बहन को बेहोश देखकर सातों भाई परेशान हो गए. भाइयों ने बहन के लिए पेड़ के पीछे से जलती मशाल का उजाला दिखाकर बहन को होश में लाकर चंद्रोदय निकलने की सूचना दी. वीरावती ने भाइयों की बात मानकर विधिपूर्वक अर्घ्य दिया और भोजन कर लिया. ऐसा करने से कुछ समय बाद ही उसके पति की मृत्यु हो गई. अपने पति के मृत्यु के बाद वीरावती ने दुखी होकर अन्न-जल का त्याग कर दिया. उसी रात को इंद्राणी पृथ्वी पर आई. ब्राह्मण पुत्री ने उनसे अपने दुख का कारण पूछा. इंद्राणी ने बताया कि तुमने अपने पिता के घर पर करवा चौथ का व्रत किया था, लेकिन वास्तविक चंद्रोदय के होने से पहले ही अर्घ्य देकर भोजन कर लिया, इसीलिए तुम्हारा पति मर गया. अब उसे पुनर्जीवित करने के लिए विधिपूर्वक करवा चौथ का व्रत करो. मैं उस व्रत के ही पुण्य प्रभाव से तुम्हारे पति को जीवित करूंगी. वीरावती ने बारह मास की चौथ सहित करवाचौथ का व्रत पूर्ण विधि-विधानानुसार किया. इससे प्रसन्न होकर इंद्राणी ने उसके पति को जीवनदान दिया.