मणिपुर में शांति स्थापित करना प्राथमिकता : अमित शाह

 16 Apr 2024  1159

संवाददाता/in24 न्यूज़.

लोकसभा चुनाव के प्रचार के लिए गृहमंत्री अमित शाह पूर्वी राज्यों के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने त्रिपुरा में चुनावी रैली और मणिपुर में जनसभा को संबोधित किया। मणिपुर के इंफाल में सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि जातीय संघर्ष से प्रभावित मणिपुर में शांति स्थापित करना भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्राथमिकता है। यह लोकसभा चुनाव मणिपुर को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों और मणिपुर को एकजुट रखने वालों के बीच है। सभा में शाह ने दावा किया कि मणिपुर की डेमोग्राफी को बदलने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य में घुसपैठ के प्रयास हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकता है कि सभी समुदायों को साथ लेकर राज्य में शांति स्थापित की जाए। उन्होंने कहा कि देश का भाग्य तभी बदलेगा, जब मणिपुर के साथ-साथ पूरे पूर्वोत्तर का भाग्य बदलेगा। विपक्ष पर निशाना साधते हुए गृहमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने असम को बाय-बाय कह दिया था। कांग्रेस ने कभी भी मणिपुर का सम्मान नहीं किया। उन्होंने तीन वर्षों तक राज्य को बंद रखा। इबोबी सिंह की सरकार में फेक एनकाउंटर किया गया। कांग्रेस ने मणिपुर को नाकेबंदी वाला राज्य बना दिया था। शाह ने लोगों से आंतरिक मणिपुर और बाहरी मणिपुर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवारों के लिए वोट करने की अपील की। रैली में शाह ने दावा किया कि कांग्रेस और वामपंथियों ने राज्य के आदिवासियों को कभी भी सरकार में उच्च पद में रहने की अनुमति नहीं दी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने पहली बार भारत को आदिवासी राष्ट्रपति देकर समुदाय का सम्मान किया। 2014 से पहले जनजातीय मामलों के मंत्रालय का बजट 24,000 करोड़ रुपए था। वहीं, पीएम मोदी के शासन में बजट को बढ़ाकर 1,25,000 करोड़ रुपये कर दिया गया। शाह ने आरोप लगाया कि वामपंथियों ने युवाओं को बंदूकें दीं हैं। वहीं, पीएम मोदी ने युवाओं को लैपटॉप दिए हैं। पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर में 10 से अधिक समझौते किए, जिससे दस हजार युवा मुख्यधारा में वापस लौट पाए। बता दें कि विपक्ष ने मणिपुर के मुद्दे पर लगातार सरकार की आलोचना की थी।