भगदड़ में 18 लोगों की मौत का कौन है जिम्मेदार, प्रशासन की लापरवाही के चलते उमड़ा जनसैलाब ?

 17 Feb 2025  24

संवाददाता/in 24 न्यूज़।   

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर ऐसी भगदड़ मची कि देखते ही देखते 18 लोग काल के गाल में समा गए. इस हादसे में कई घायल हो गए तो कई देर रात के बाद सुबह तक अपने से बिछड़ गए परिजनों को खोजते रहे. कभी प्लेटफॉर्म पर,कभी सीढ़ियों पर तो कभी एफओबी पर. लोग यहां बिखरी चीजों में से अपने-अपने संबंधी-रिश्तेदारों की तलाश करते रहे थे. ये भगदड़ सिर्फ प्रशासन की लापरवाही और बदइंतजामी की कहानी नहीं है, ये उन लोगों की लाचारी, बेबसी और मौन की चीख भी है, जिन्होंने एक झटके में अपने परिजनों को खो दिया है। जो आए तो थे किसी सफर के लिए और यहां पहुंचना ही उनके लिए आखिरी सफर बन गया.कभी ना भूलने वाले इस हादसे को लेकर जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर कुंभ जाने वाले यात्रियों की भीड़ क्षमता से बहुत ज्यादा हो गई थी. दरअसल ये यात्री प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों का इंतजार कर रहे थे. वही घटना में 12 गंभीर रूप से घायल लोगों का दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. इस दुखद हादसे में मरने वालों में  महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हैं.मृतकों में 9 बिहार के, दिल्ली के 8 और एक हरियाणा का है.प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि स्टेशन पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई और कई यात्री दम घुटने के कारण बेहोश हो गए.वहीं रेलवे पुलिस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि प्लेटफार्म संख्या 14 पर पहले से ही काफी भीड़ थी, दरअसल उस वक्त प्रयागराज एक्सप्रेस ट्रेन अपने प्रस्थान के लिए वहां इंतजार कर रही थी.अधिकारी की यदि माने तो  स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी एक्सप्रेस देरी से चल रही थीं और इन ट्रेनों के यात्री भी प्लेटफार्म संख्या 12, 13 और 14 पर मौजूद थे.वहीं इस घटना की जांच के लिए गठित कमेटी की तात्कालिक रिपोर्ट ने कहा है कि प्रयागराज के लिए विशेष ट्रेन की घोषणा करने के बाद भगदड़ की स्थिति पैदा हुई है। 

          रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लेटफार्म नंबर 14 पर यात्रियों की भारी भीड़ थी, जो प्रयागराज जाने वाली ट्रेन में चढ़ने का इंतजार कर रहे थे.इसी समय, प्लेटफार्म नंबर 13 पर नई दिल्ली से दरभंगा जाने वाली स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस में सवार होने के लिए बड़ी संख्या में यात्री जमा हो गए थे.ये ट्रेन लेट थी और इसे मध्य रात्रि में रवाना करने के लिए पुनर्निर्धारित किया गया था, जिसके कारण यात्री प्लेटफार्म पर ही रहे क्योंकि प्लेटफार्म नंबर 14 और 13 एक दूसरे से सटे हुए हैं और दोनों प्लेटफार्म पर भीड़ बढ़ती जा रही थी.इसके अलावा, रेलवे अधिकारी प्रयागराज के लिए हर घंटे लगभग 1,500 जनरल टिकट जारी कर रहे थे, जिसके परिणामस्वरूप प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर अधिक यात्री इकट्ठा हो रहे थे.भारी भीड़ के कारण प्लेटफॉर्म पर खड़े होने के लिए भी जगह नहीं बची थी.बढ़ती भीड़ और लगातार टिकट बिक्री को देखते हुए रात करीब 10 बजे रेलवे अधिकारियों ने प्लेटफार्म नंबर 16 से प्रयागराज के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की.वहीं ये घोषणा सुनकर प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर पहले से खड़े जनरल टिकट वाले यात्री फुट ओवरब्रिज पार करके प्लेटफॉर्म नंबर 16 की ओर दौड़ पड़े. इस दौरान उन्होंने फुट ओवरब्रिज पर पहले से बैठे यात्रियों को कुचल दिया, जिससे भगदड़ मच गई. इस घटना में कई पुरुष, महिलाएं और बच्चे घायल हो गए.यानी रिपोर्ट को देखा जाए तो रेलवे अधिकारियों की लापरवाही झलक रही है. दरअसल लगातार टिकटों की बिक्री की गई लेकिन प्लेटफार्म पर भीड़ कंट्रोल करने के लिए कोई भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए थे.सूत्रों के मुताबिक आरपीएफ जवानों की संख्या भी कम थी.भगदड़ की घटना पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया है.राष्ट्रपति, पीएम के अलावा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, कांग्रेसी सांसद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल  समेत कई नेताओं ने भी घटना पर दुख जताया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे रेलवे प्रशासन की नाकामी बताया है.

        विपक्ष ने सरकार से सवाल पूछा है कि आखिर है इस हादसे  का जिम्मेदार कौन है.वहीं हादसे के शिकार पीड़ितों के लिए सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया है. जिसके अनुसार मृतकों के परिजनों को 10 लाख , गंभीर रूप से घायल लोगों को ढाई  लाख और मामूली रूप से घायल लोगों को 1 लाख का मुआवजा दिया जाएगा। दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए है. इसके अलावा भगदड़ मामले में बिहार सरकार ने दुख जताया है और मरने वाले बिहार के लोगों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है.घायलों को 50 हजार की राशि दी जाएगी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना पर दुख जताया है, दिल्ली भगदड़ पर आरजेडी सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री लालू यादव का एक और बयान आया है.उन्होंने कहा कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को इस्तीफा देना चाहिए इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस भी एक्शन मोड़ में है और मामले की जांच शुरू करने के साथ ही घटना स्थल के सीसीटवी फुटेज खंगाल रही है बहरहाल हादसे के बाद अब राजधानी के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हालात सामान्य हैं लेकिन ये हादसा हमारे देश के लापरवाह सिस्टम का एक और नतीजा है. प्रयागराज हो दिल्ली हो या फिर कोई और शहर हर बार हादसे के बाद लीपापोती शुरू हो जाती है और यहां भी अब यही हो रहा है. हर हादसे की तरह यहां भी मुआवजे का मरहम लगा दिया है. लेकिन एक बार फिर सवाल वही है कि मौत की इस भगदड़ का जिम्मेदार कौन है।  और सबसे बड़ा सवाल आखिर उन परिवारों का क्या जिन्हे कभी न भरने वाले गम मिले हैं. इस हादसे की वजह से किसी के सिर से पिता का साया उठ गया, तो किसी ने अपनी मां को खो दिया, किसी की मांग का सिंदूर मिट गया है तो किसी मां की गोद हमेशा हमेशा के लिए सूनी हो गई है और किसी का एकलौता सहारा छिन गया है. बहरहाल अब देखना ये होगा कि इस मामले में सरकार और प्रशासन क्या कार्रवाई करती है. और सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या इस हादसे के बाद लापरवाही और गैरजिम्मेदारी की चादर ओढ़े हमारे सिस्टम की कुम्भकर्णीय नींद टूटेगी या नहीं।