देश ने 74वां गणतंत्र दिवस पूरे जोश और उत्साह से मनाया

 26 Jan 2023  218

संवाददाता/in24 न्यूज़. 
आज पूरा देश 74वां गणतंत्र दिवस (74th Republic Day) मना रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने आज कर्तव्य पथ, नई दिल्ली से देश का नेतृत्व किया। भारत के 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने इस वर्ष भारत की विविधता के प्रतीक के रूप में एक बहुरंगी राजस्थानी पगड़ी पहनी थी। गणतंत्र दिवस परेड से पहले पीएम मोदी जैसे ही नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे, उनके आउटफिट की पहली झलक सामने आई। विशिष्ट पगड़ी के साथ उन्हें काले कोट और सफेद पैंट के साथ सफेद कुर्ता पहने देखा गया। गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि समारोह के साथ हुई, जहां पीएम मोदी ने शहीद नायकों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए पीएम मोदी और अन्य गणमान्य लोग राजपथ पर सलामी मंच पर पहुंचे। इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 73वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सभी भारतीयों को बधाई दी। गणतंत्र दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं। इस बार यह अवसर और भी खास है क्योंकि हम इसे आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान मना रहे हैं। मैं कामना करता हूं कि हम देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करने के लिए एकजुट होकर आगे बढ़ें। सभी साथी भारतीयों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं!” पीएम मोदी ने हिंदी में ट्वीट किया। बता दें कि पिछले साल, पीएम मोदी ने एक अनूठी उत्तराखंड पारंपरिक टोपी पहनी थी, जिसे ब्रह्मकमल से प्रेरित ब्रोच से सजाया गया था। ब्रह्म कमल उत्तराखंड का राजकीय फूल है जिसका उपयोग पीएम जब भी पूजा के लिए केदारनाथ जाते हैं तो करते हैं। इस बीच देशभर में गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस दिन, 74 साल पहले, भारत ने ब्रिटिश शासन से अपनी आजादी के बाद आधिकारिक तौर पर अपने संविधान को अपनाया था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस के लिए गुलाबी मंदिर की सीमा के साथ ओडिशा सिल्क को चुना। इस लुक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पहली दलित महिला राष्ट्रपति होने के नाते गणतंत्र दिवस की परेड की सलामी लेकर कर्तव्यपथ पर इतिहास रचा। बता दें कि इस बार गणतंत्र दिवस परेड की खासियत रही की यहां दर्शकों के लिए वर्टिकल प्लेटफॉर्म पर कुर्सियां लगाई गईं थीं ताकि पीछे बैठे लोग भी आसानी से परेड देख सकें। गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण की बीमारी के प्रकोप से पहले तक इस ऐतिहासिक समारोह में हर वर्ष लगभग 1.25 लाख लोग शिरकत करते थे। मगर कोरोना के बाद से यहां 25 हजार लोगों की संख्या को सीमित कर दिया गया था। बता दें कि इस बार परेड की खासियत रही कि परेड में शामिल थलसेना के सारे हथियार स्वदेशी थे। बता दें कि दिल्ली में इस बार की सुरक्षा बेहद कड़ी रखी गई।