बॉडी रिवाइवल के चार डोज़ से पेट का कैंसर ठीक

 23 Dec 2020  12492

ब्यूरो रिपोर्ट/in24न्यूज़/मुंबई     

 

दुनिया भर में आजतक कैंसर जैसी नासूर बीमारी का कोई पूर्णतः समाधान आज तक नहीं निकल पाया है, भले ही चाहे कोई कितने ही दावे क्यों न कर ले. इसी कड़ी में आयुर्वेद ने यह साबित कर दिया कि दुनिया में ऐसी कोई बिमारी नहीं जिसका इलाज नहीं हो सकता. इसके कोई एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों उदाहरण हैं. बॉडी रिवाइवल एक ऐसी औषधि है जिसे कोई चमत्कारी दवा बता रहा है, तो कोई इसे अमृत बता रहा है. खैर कोई कुछ भी कहे, लेकिन जो ठीक हुआ है वो बॉडी रिवाइवल के प्रणेता को भगवान, अल्लाह, गॉड और पृथ्वी का धन्वंतरि और न जाने क्या-क्या उपमा दे रहा हैं. आज हम आपको बताएंगे मुंबई के दहिसर की एक ऐसी सच्चाई जिसकी वास्तविकता जानने के बाद हर कोई दाँतों तले ऊँगली दबा रहा है. दरअसल, मुंबई के निवासी युसुफ अली के पिता के पेट में कैंसर था और डॉक्टरों ने लगभग उन्हें बता दिया था कि जिस किस्म की गंभीर बीमारी है और जो उनकी उम्र है ऐसे में उनका इलाज नामुमकिन है. डॉक्टर ने यह भी कहा कि बीमारी ठीक तो नहीं होगी, उलटी बढ़ जाएगी. दो-चार महीने दवा और दुआ कर लो. यानि साफ था कि डॉक्टर की तरफ से यह कहकर हाथ ऊपर कर लिया गया कि अब इलाज से कोई फायदा नहीं होनेवाला. यह सुनकर युसुफ को इतना दुःख हुआ कि समझ में नहीं आ रहा था कि वे कहाँ जाएं ! मगर एक बेटा अपने पिता के लिए हर हाल में यही सोचेगा कि वे पूरी तरह स्वस्थ हों. उसी दौरान युसुफ के एक रिश्ते में लगने वाले भाई ने साइंटिस्ट मुनीर खान और उनकी आयुर्वेदिक औषधि बॉडी रिवाइवल के बारे में बताया कि उनके इलाज से वे ठीक हो सकते हैं और वह भी बिना ऑपरेशन के और अगर तीन डोज़ में फायदा नहीं हुआ तो पूरे पैसे वापस ले सकते हो. मगर पिता के स्वस्थ होने से ज़्यादा उन्हें और क्या चाहिए था, युसुफ ने भी यही सोचा कि पैसे की बात नहीं है, बस पिताजी ठीक हो जाएं। युसुफ के पिता की सबसे बड़ी तकलीफ यह थी कि वे जो कुछ भी खाते थे, उन्हें तत्काल उलटी हो जाती थी. लगभग एक हफ्ते तक अपने पिता की ऐसी हालत देखकर युसुफ परेशान से हो गए. फिर पिता जी की जितनी भी जांच हो सकती थी युसुफ ने करवाए. सिर्फ जांच में करीब 22 हज़ार रुपए खर्च हो गए. फिर युसुफ जांच की रिपोर्ट फ़ाइल लेकर साइंटिस्ट मुनीर खान के पास आ गए. साइंटिस्ट मुनीर खान ने युसुफ को बता दिया कि तीन डोज़ में फायदा नहीं हुआ तो पैसे वापस मिल जायेंगे। उसके बाद युसुफ ने बॉडी रिवाइवल ली और पिता जी को उसकी पहली डोज़ दी. पहली ही डोज़ के बाद उनके पिता ने कुछ अलग किस्म की राहत महसूस की. 

             युसुफ बताते हैं कि बॉडी रिवाइवल की औषधि दस-दस दिन पर पिलाने को कहा गया था और मैंने दुआ के साथ दवा पिलाने का काम शुरू कर दिया. मेरे पापा पांच टाइम के नमाज़ी हैं जब मैंने उनसे पूछा कि आप अल्लाह पर भरोसा करते हैं तो उन्होंने हां कहा. फिर मैंने कहा उनका नाम लेकर दवा पी लीजिए। दवा लेने के दूसरे ही दिन पापा को इतना फायदा हुआ कि उनका पेट साफ़ हो गया फिर वे अपनी पसंद का खाना मांगने लगे और खाने लगे. चार डोज़ के बाद पापा इतने अच्छे हो गए कि औषधि भी बच गई, फर्क सिर्फ ये हुआ कि जो नासूर बीमारी ऑपरेशन से ठीक नहीं हुई वह बॉडी रिवाइवल औषधि से ठीक हो गई. युसुफ आगे कहते हैं कि ये चमत्कार है, और मैं तो यही चाहता हूं कि ये चमत्कार हमेशा चलता रहे. अगर साइंटिस्ट मुनीर खान के पानी देने से भी फायदा होता है तो मैं उस पानी को भी पीने को तैयार हूं. बॉडी रिवाइवल के प्रणेता का दावा है कि बीमारी कोई भी हो उन्हें उससे कोई लेना-देना नहीं है, उनका तो बस एक ही काम है बीमार को ठीक करना.  और सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात यह है कि बॉडी रिवाइवल का कोई साइड इफेक्ट नहीं और उससे भी बड़ी बात कि शुरुआत के तीन डोज में यदि मरीज को आराम महसूस नहीं होता उसे वापस करके वो अपने पैसे वापस ले सकता है.