सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक शादी की मान्यता मामले में 18 अप्रैल होगी सुनवाई

 17 Apr 2023  605

संवाददाता/in24 न्यूज़.
समलैंगिक (Gay) जोड़े की शादी को मान्यता देने की मांग वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की पांच सदस्ययीय संविधान पीठ 18 अप्रैल से सुनवाई शुरू करेगी। मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की संविधान पीठ की सुनवाई से पहले केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत के समक्ष एक नया आवेदन दाखिल किया है। इस आवेदन में केंद्र सरकार ने तर्क देते हुए कहा कि समान लिंग विवाह के अधिकार को मान्यता देने में न्यायालय द्वारा एक निर्णय का अर्थ कानून की एक पूरी शाखा का एक आभासी न्यायिक पुनर्लेखन करने जैसा होगा। न्यायालय को इस तरह के सर्वव्यापी आदेश पारित करने से बचना चाहिए, क्योंकि उसके (कानून के लिए) लिए उचित विधायिका है। सरकार का कहना है कि केवल उपयुक्त विधायिका ही एक संस्था के रूप में विवाह की समझ के भारतीय संदर्भ में सामाजिक लोकाचार, सामाजिक मूल्यों और व्यापक सामाजिक स्वीकार्यता के आधार पर मुद्दों पर निर्णय ले सकती है। सरकार का यह भी कहना है कि केवल शहरी अभिजात्य विचारों को दर्शाने वाली याचिकाओं की तुलना उपयुक्त विधायिका से नहीं की जा सकती है। विधायिका व्यापक परिदृश्य के विचारों और आवाजों को दर्शाती है तथा पूरे देश में फैली हुई है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने 13 फरवरी को मामले में संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इस मामले को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष विचार के लिए भेजने का फैसला सुनाया था। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि संविधान पीठ 18 अप्रैल से इस मामले की सुनवाई शुरू करेगी, जिसका सीधा प्रसारण किया जाएगा। बता दें कि समलैंगिक विवाह को समाज का बड़ा हिस्सा मान्यता देने को तैयार नहीं हैं।