नफरत फैलाने वाले भाषणों पर कार्रवाई जरूरी : सुप्रीम कोर्ट

 30 Nov 2023  346

संवाददाता/in24 न्यूज़.
देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि किसी भी और सभी प्रकार के नफरत भरे भाषणों के खिलाफ कार्रवाई जरूर की जानी चाहिए। कोर्ट की यह टिप्पणी तब आई जब वह हेट स्पीच के मुद्दे पर लोगों और समूहों की ओर से दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। कोर्ट फरवरी में कई याचिकाओं पर सुनवाई करने पर सहमत हो गया है, जिनमें नफरत फैलाने वाले भाषणों पर अंकुश लगाने के लिए एक तंत्र स्थापित करने की मांग की गई है. जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हम घृणा फैलाने वाले भाषणों की समस्या की देशभर में निगरानी नहीं कर सकते। भारत जैसे बड़े देश में समस्याएं तो होंगी ही, लेकिन सवाल यह पूछा जाना चाहिए कि क्या हमारे पास इससे निपटने के लिए कोई प्रशासनिक तंत्र है। सुनवाई कर रही बेंच में जस्टिस एसवीएन भट्टी भी शामिल थे। मामले को अगले साल फरवरी नें सुनवाई के लिए पोस्ट करते हुए बेंच ने कहा कि समाज को पता होना चाहिए कि अगर किसी कानून का उल्लंघन किया जाता है तो उसके बाद कार्रवाई होगी। हम ये कार्यवाही देशभर के आधार पर नहीं कर सकते, नहीं तो हर दिन अर्जियां आती रहेंगी। देशभर में हेट स्पीच के बढ़ते मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चार राज्यों को नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से ये बताने को कहा कि क्या उन्होंने नोडल अधिकारी नियुक्त किया है या नहीं? जिन राज्यों को नोटिस जारी किया है, उनमें गुजरात, केरल, नागालैंड और तमिलनाडु शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई पांच फरवरी, 2024 को होगी। केंद्र सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर बताया कि 28 राज्यों ने अपने यहां नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है। एएसजी केएम नटराजन ने कोर्ट को बताया कि गुजरात, केरल, नागालैंड, पश्चिम बंगाल ने अभी जवाब नहीं दाखिल किया है। नोडल अधिकारियों की नियुक्ति को लेकर भी जानकारी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि कितने राज्यों ने अपना जवाब दाखिल किया है। बंगाल सरकार ने कोर्ट को बताया कि उसने अपने यहां नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर दी है। एएसजी ने बताया कि 11 अक्टूबर को गृह सचिव ने सभी राज्यों की बैठक बुलाई थी और उठाए जाने वाले कदमों और अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी थी। बता दें हेट स्पीच से कई बार देश का माहौल खराब होता रहा है। अब इस फैसले से हेट स्पीच के हिमायती अवश्य सबक लेंगे।