सौर तूफान के खतरे से घिरा इंटरनेट

 13 Sep 2021  862

संवाददाता/in24 न्यूज़।
आज के दौर में इंटरनेट हर किसी के लिए बेहद ज़रूरी हो गया है। आज ज़्यादातर लोग  दुनियाभर में हर काम के लिए इंटरनेट पर ही आश्रित हो गए हैं। लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया कि सूर्य से निकलने वाले तूफान यानी सौर तूफान से हमारा इंटरनेट तबाह हो सकता है और पूरी दुनिया में इंटरनेट सेवाएं ठप हो सकती हैं। इस खबर को पढ़ने और सुनने के बाद लोग अवाक हैं और इसकी खूब चर्चा होने लगी है। दरअसल, सौर तूफान और इंटरनेट पर एक शोध किया गया था, जिसे पिछले महीने एसीएम एसआईजीसीओएमएम 2021 कॉन्‍फ्रेंस में प्रदर्शित किया गया था।  जिसमें बताया गया कि एक शक्तिशाली सौर तूफान के कारण हमारा इंटरनेट, पनडुब्बियों के केबल और संचार उपग्रह बुरी तरह से प्रभावित हो सकते हैं। इसके पहले के एक शोध में यह भी दावा किया गया था कि इससे अगले दशक में अंतरिक्ष में बेहद विषम मौसमीय गतिविधि होने की संभावना 1.6-2 प्रतिशत तक है। इंटरनेट के बंद होने की खबर सुनकर आप ये सोच रहे होंगे कि आखिर सौर तूफान होता क्या है. दरअसल, सोलर स्‍टॉर्म एक तरह का सूर्य से निकले बेहद शक्तिशाली चुंबकीय पदार्थों का तूफान होता है। यह पदार्थ एक घंटे में कई करोड़ किमी की रफ्तार से आगे बढ़ सकता हैं। इन्‍हें पृथ्‍वी तक पहुंचने में 13 घंटे से लेकर 5 दिन तक का समय लग सकता है। हालांकि हमारी पृथ्‍वी का वायुमंडल हमें इन पदार्थों से बचाता है, लेकिन जब ये पदार्थ पृथ्‍वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकराते हैं तो इनसे बेहद शक्तिशाली बिजली की तरंगें उत्पन्न होती हैं जो इंसानों द्वारा बनाई गई चीजों को प्रभावित करती हैं। सबसे पहले सौर तूफान को साल 1859 में रिकॉर्ड किया गया था। यह लगभग 17 घंटे में पृथ्वी पर पहुंच गया था। इस सौर तूफान ने टेलीग्राफ नेटवर्क को प्रभावित कर दिया था. जिससे कई ऑपरेटर्स को बिजली के झटकों का अनुभव हुआ था। उसके बाद साल 1921 में आए एक सौर तूफान ने न्यूयॉर्क टेलीग्राफ और रेलरोड सिस्टम को प्रभावित कर दिया था। उसके बाद साल 1989 में एक और सौर तूफान ने क्यूबेक, कनाडा में पावर ग्रिड को बर्बाद कर दिया। साल 2013 में आई एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि अगर 1859 के समान सौर तूफान अब अमेरिका में आता है, तो लगभग 2-4 करोड़ लोग 1-2 साल तक बिजली के बिना रह सकने पर मजबूर हो सकते हैं। इसकी वजह से 2.6 लाख करोड़ डॉलर का नुकसान हो सकता है।  दरअसल, जब सूर्य अपनी कम गतिविधि में था तब पिछले तीन दशक में धरती पर टेक्‍नोलॉजी का तेजी से विकास हुआ। शक्तिशाली सौर तूफान का सामना करने के लिए पृथ्वी पर मौजूद संचार उपकरण सक्षम हैं इस पर बहुत सीमित अध्ययन किया गया है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सूर्य 11 साल के चक्र से गुजरता है। ये उच्च और निम्न गतिविधि के चक्र होते हैं। इसका एक लंबा 100 साल का चक्र भी है। पिछले तीन दशकों के दौरान, जब इंटरनेट का बुनियादी ढांचा फलफूल रहा था, यह एक कम अवधि थी। बहुत जल्द या तो इस चक्र में या अगले चक्र में हम 100 साल के चक्र के शिखर की ओर जा रहे हैं। इसलिए यह अत्यधिक संभावना है कि हम अपने जीवनकाल में एक शक्तिशाली सौर तूफान देख सकें। इंटरनेट बंद होने की खबर हम सभी के लिए चिंताजनक है। इसी बीच किए गए एक आकलन में इस बात का पता चला कि अमेरिका में एक दिन के लिए इंटरनेट बाधित होने पर लगभग 7 बिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान हो सकता है। वहीं एक नए शोध में एक शटडाउन रणनीति का उल्लेख किया गया है जो सौर तूफान के प्रभाव के दौरान और बाद में कनेक्टिविटी के नुकसान को कम करने में मदद कर सकती है। यानी जिस तरह से हम पावर ग्रिड को बंद करते हैं, उसी तरह एक अस्थायी इंटरनेट शटडाउन कर हम सौर तूफान के दौरान होने वाले उपकरणों के नुकसान को बचा सकते हैं। अब देखना होगा कि इस खतरे से बचने के लिए किस तरह के उपायों पर पर बल दिया जा सकता है।