राम मंदिर के वीआईपी पास पर साइबर लुटेरों का हमला

 19 Jan 2024  1092

संवाददाता/in24 न्यूज़.
अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस अहम मौके का हिस्सा होंगे। इस अवसर पर अयोध्या में लाखों की तादाद में श्रद्धालु जमा हो रहे हैं। ऐसे में लोग जुगत लगा रहे हैं, किसी तरह एंट्री का इंतजाम हो जाए, वहीं साइबर ठग भी मौके का फायदा उठा रहे हैं। साइबर ठग लोगों को फर्जी एंट्री दिलाने के झांसे में फंसा रहे हैं। व्हाट्सएप पर इन दिनों एक मैसेज सर्कुलेट हो रहा है। इसमें शुभकामना संदेश के साथ लिखा है कि आपको 22 जनवरी को राम मंदिर में होने वाले कार्यक्रम के लिए वीआईपी पास दिया जा रहा है। इस मैसेज के साथ एक लिंक भेजा जा रहा है। मैसेज में कहा गया है कि इस लिंक पर जाकर यह ऐप इंस्टॉल करें और फ्री वीआईपी पास पाएं। ये मैसेज साइबर ठगों द्वारा भेजा गया एक फ्रॉड है। साइबर ठग इस समय लोगों को रामलला के दर्शन के लिए वीआईपी पास दिलाने के नाम पर ठग रहे हैं। साइबर ठगों से बचने के लिए साइबर सेल शिमला की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। बता दें कि मंदिर ट्रस्ट या सरकार ने वीआईपी पास का इंतजाम सिर्फ खास लोगों के लिए किया है। ये पास उन्हें निमंत्रण पत्र के साथ भेजे गए हैं। व्हाट्सएप इंस्टॉल करने के बदले वीआईपी पास की कोई व्यवस्था सरकार की तरफ से नहीं की गई है। ऐसे मैसेज मिलें, तो इन्हें आगे न बढ़ाएं। साथ ही, भेजने वाले को भी सावधान करें। सरकार ने आम लोगों के लिए किसी तरह के वीआईपी पास की व्यवस्था नहीं की है और न ही कोई ऐप बनाया है। उन्होंने बताया कि ठग इन ऐप्स के जरिए शातिर सीधे आपके पैसे नहीं उड़ा सकते, लेकिन आपको फुसलाकर रिमोट एक्सेस ले सकते हैं। जैसे लैपटॉप में टीम विवर, एनीडेस्क होते हैं। वैसे ही मोबाइल फोन के एक्सेस के लिए क्विक सपोर्ट जैसे कई ऐप्स हैं। इसके जरिए आपके फोन का एक्सेस उनके पास चला जाएगा और वे इसे ठीक वैसे ही ऑपरेट कर पाएंगे, जैसे आप कर रहे हैं। आपके यूपीआई ऐप्स और ओटीपी का भी एक्सेस ठगों के पास होगा। इस तरह आपका बैंक अकाउंट भी खाली हो सकता है। इसलिए एक्सटर्नल सोर्स से मिलने वाली कोई एपीके फाइल कभी इंस्टॉल न करें। एसपी साइबर क्राइम रोहित मालपानी का कहना है कि ठगी का शिकार हुए लोगों को तत्काल 1930 नंबर पर शिकायत दर्ज करनी चाहिए। बता दें राम मंदिर जाने के लिए बड़ी संख्या में लोग इच्छुक है, पर उनके पास न निमंत्रण है न जाने की व्यवस्था।