दस फीसदी मराठा आरक्षण के बाद भी जरांगे पाटिल ने किया भूख हड़ताल खत्म करने से इंकार

 21 Feb 2024  761

संवाददाता/ in24 न्यूज़.  
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे जरांगे पाटिल ने सरकारी नौकरी में दस फीसदी मराठा आरक्षण की घोषणा के बावजूद हड़ताल खत्म करने से मना कर दिया है। इसी के साथ उन्होंने सेज सोयरे (परिवार के पेड़ से संबंधित) कानून को लागू करने की अपनी मांग दोहराई। पाटिल ने हाल ही में पारित विधेयक पर असंतोष व्यक्त किया, जिसमें जोर दिया गया कि दिए गए आरक्षण से समुदाय के केवल एक हिस्से को लाभ होगा। जालना में एक संवाददाता सम्मेलन में पाटिल ने कहा कि आज हम आगे के आंदोलन के लिए कार्ययोजना तय करने के लिए अपने समुदाय के सदस्यों के साथ एक बैठक कर रहे हैं, लेकिन आंदोलन अब नहीं रुकेगा। हम ओबीसी में आरक्षण और कार्यान्वयन चाहते हैं। पाटिल ने विशेष रूप से मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) श्रेणी में शामिल करने का आह्वान किया और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से सेज सोयरे के कार्यान्वयन को रोकने वाली किसी भी बाधा को स्पष्ट करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सीएम को स्पष्ट करना चाहिए कि उन्हें 'सेज सोयरे' को लागू करने से कौन रोक रहा है। कल दिए गए आरक्षण से केवल 100-150 लोगों को फायदा होगा, जबकि हमारी मांग इससे 4-5 गुना अधिक लोगों की थी। उन्होंने यह भी कहा कि मुझे इसकी परवाह नहीं है कि यह आरक्षण अदालत में रहेगा या नहीं। हम अपनी मांग पर कायम हैं। आरक्षण का मुद्दा बरकरार रहने के कारण, राज्य सरकार चुनाव नहीं कराएगी। इस बात का कोई सवाल ही नहीं है कि हम चुनाव का बहिष्कार करेंगे या नहीं। यह सरकार है जो इस मुद्दे का समाधान होने तक चुनाव में नहीं जाएगी। यहां तक कि केंद्र में भी, मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री राज्य सरकार से चुनाव से पहले इस मुद्दे को हल करने के लिए कहेंगे। बता दें कि इस मामले में अबतक महाराष्ट्र सरकार की तरफ से प्रतिक्रिया नहीं आई है।