महाराष्ट्र में पहली बार डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने किया चिकित्सा सेल की स्थापना

 17 Feb 2025  23

संवाददाता/ in24 न्यूज़।  
महाराष्ट्र में बीते साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद जब से देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने हैं तब से ही शिवसेना के प्रमुख और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के नाराज होने की अटकलें चल रही है. सरकार गठन के दौरान भी कही माथापच्ची देखने को मिली थी, वही जब देवेंद्र फडणवीस के नाम का ऐलान किया गया था तब एकनाथ शिंदे की नाराजगी भी देखने को मिली थी. एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम बनने को तैयार नहीं थे लेकिन आखिरी मौके पर उन्होंने अपना फैसला बदला और फिर देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के साथ उन्होंने भी शपथ ली थी.लगातार हो रही खटपट के बीच सरकार गठन के करीब 3 महीने होने वाले हैं ऐसे में एक बार फिर महायुति में विवाद के संकेत मिले हैं. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सीएम देवेंद्र फडणवीस के एक फैसले के खिलाफ कदम उठाया है जिसके चलते एक बार फिर महायुति में विवाद की चर्चा तेज हो गई है.दरअसल मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष यानी सीएमआरएफ सेल का कार्यभार संभालने के बाद उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंत्रालय में स्थित अपने स्वयं के उप मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता सेल की स्थापना की है. बता दें कि ये पहली बार है जब किसी उप मुख्यमंत्री ने एक चिकित्सा सहायता सेल की स्थापना की है, जबकि मुख्यमंत्री राहत कोष सेल पहले से ही मौजूद है. महायुति सरकार में एकनाथ शिंदे के नाराजगी के बीच उनका अलग अपना मेडिकल सेल बनाने पर सवाल उठने लगा है.वहीं उनके नाराज होने और सरकार से अलग चलने की अटकलें और तेज हो गई हैं. एकनाथ शिंदे द्वारा मेडिकल सेल की स्थापना के पीछे की एक वजह ये है कि सीएम देवेंद्र फडणवीस ने रामेश्वर नाईक को अपने सीएमआरएफ सेल का प्रमुख नियुक्त किया और मौजूदा प्रमुख मंगेश चिवटे को हटा दिया  है.बताया जा रहा है कि मंगेश चिवटे  डिप्टी शिंदे के करीबी और विश्वासपात्र हैं, जो उनके मुख्यमंत्री रहते हुए स्वास्थ्य सेल का नेतृत्व कर रहे थे।.वहीं अब चिवटे को उप मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता सेल का प्रमुख नियुक्त किया गया है.सीएम मेडिकल हेल्प सेल होने के बावजूद उप मुख्यमंत्री चिकित्सा राहत कोष खोलना और फडणवीस ने जिसे सेल से हटाया उन्हें अपने सेल का हेड बनाना ये साफ बता रहा है कि फडणवीस और शिंदे के बीच सब ठीक नहीं है. बहरहाल अब देखना ये होगा कि आखिर डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का ये फैसला महायुति में क्या बखेड़ा खड़ा करता है और आने वाले समय में महाराष्ट्र की सियासत में क्या कुछ होने वाला है........