ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़
साल 2013 से जेल में कैद कथावाचक आसाराम बापू की जमानत याचिका 11वीं बार खारिज कर दी गयी। देश की सर्वोच्च न्यायपालिका ने सोमवार को मेडिकल ग्राउंड पर जमानत दिए जाने की आसाराम की याचिका खारिज कर दी साथ ही उनके वकील द्वारा पेश किये गए आसाराम की हेल्थ से जुड़े दस्तावेजों को माननीय न्यायाधीश ने फर्जी करार देते हुए उनके खिलाफ नई एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।
यही नहीं, जमानत हासिल करने के लिए गलत रास्ते का इस्तेमाल किये जाने से कोर्ट ने आसाराम पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी ठोक दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि ट्रायल को बेवजह ज्यादा खींचा गया। गवाहों पर हमले करवाए गए, जिनमें से 2 की मौत हो चुकी है।"
आपको बता दें कि आसाराम ने अपने शरीर में बारह तरह की बीमारियों का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। उनके वकील द्वारा दायर पिटीशन में बताया गया था कि उसका इलाज केरल में आयुर्वेद पद्धति से ही संभव है। ऐसे में उन्हें वहां जाकर इलाज कराने की परमिशन दी जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि, "आसाराम की सेहत इतनी खराब नहीं है कि उन्हें जमानत दी जाए।" यही नहीं, कोर्ट ने आसाराम की ओर से हेल्थ से जुड़े फर्जी सर्टिफिकेट पेश करने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई और नई FIR करने के ऑर्डर दिए साथ ही कोर्ट ने आसाराम पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
गौरतलब है कि पिछले साल जुलाई में आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट से अपना इलाज कराने के लिए इंटरिम बेल देने की मांग की थी। इसपर कोर्ट ने उसे दिल्ली एम्स में चैकअप कराने का आदेश दिया था। वहीं एम्स के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में आसाराम को किसी प्रकार की गंभीर बीमारी नहीं बताई गई इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। आपको बता दें कि लंबे वक्त से व्हीलचेयर पर आने वाले आसाराम इन दिनों पैदल ही कोर्ट पहुंच रहे हैं। कई बार तो वे बगैर लिफ्ट के सीढ़ियां चढ़ मौजूद हुए।
आसाराम की जमानत याचिका अब तक ग्यारह बार खारिज हो चुकी है। आसाराम के गुरुकुल में पढ़ने वाली एक नाबालिग ने आरोप लगाया था कि 15 अगस्त 2013 को आसाराम ने जोधपुर के निकट मणाई गांव स्थित एक फार्म हाउस में उसका सेक्शुअल हैरेसमेंट किया। 20 अगस्त 2013 को पीड़ित लड़की ने दिल्ली के कमला नगर पुलिस थाने में आसाराम के खिलाफ केस दर्ज कराया।
यह जोधपुर का मामला होने के कारण दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच करने के लिए उसे जोधपुर भेज दिया। जोधपुर पुलिस ने आसाराम के खिलाफ नाबालिग से हैरेसमेंट का केस दर्ज किया। 31 अगस्त 2013 को पुलिस इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार कर जोधपुर ले आई। उसके बाद से वह जोधपुर जेल में ही बंद रहा।
इस दौरान आसाराम की तरफ से सुप्रीम और हाईकोर्ट समेत जिला कोर्ट में 11 बार जमानत लेने की कोशिश की गई लेकिन अंतिम समय तक जमानत की राह देख रहे आसाराम को राहत नहीं मिल पायी। आसाराम की तरफ से अब तक राम जेठमलानी, सुब्रमण्यम स्वामी, सलमान खुर्शीद सहित देश के कई जानेमाने वकील उनकी पैरवी कर चुके है।
बहरहाल कभी कथावाचक के रूप में अपने ज्ञान की गंगा बहाने वाले आसाराम आज अपनी जमानत के लिए हर उस हथकंडे को अपना रहे हैं जिसकी कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी लेकिन विधि का विधान भी ऐसा कि आसाराम अपने किसी भी दांव में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं दूसरों को शरण देने की बात करने वाले आसाराम आज खुद शरण ढूंढ रहे हैं लेकिन बदकिस्मती इस बात की है कि उन्हें जेल के अलावा कहीं शरण नहीं मिल पा रहा।