दिवाली को प्रकाश का पर्व कहा जाता है, जो अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में दीप जलाकर उत्सव मनाया जाता है। वहीं अयोध्या में 500 साल बाद राम वाली दिवाली देखने मिलेगी। अपने आराध्य के स्वागत में रामनगरी पूरी तरह से तैयार है। नए मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ये पहली दिवाली है। जाहिर है इस बार तैयारियां भी भव्य और दिव्य की गईं हैं।
राम मंदिर का नजारा देखने में काफी आकर्षित है। अयोध्या में दीपोत्सव से लेकर प्रभु का पुष्पक विमान से आगमन तक की झाकियाँ देखने मिलेगी। तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। अयोध्या की सड़कें सज-धजकर तैयार हैं। शहर के गली-चौराहे से लेकर सरयू नदी के घाट भी रोशनी से जगमग हैं।
आज ये घाट 28 लाख दीयों से जगमगाएंगे और लगातार सातवीं बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराएंगे, ड्रोन के जरिए दीयों की गिनती की जाएगी, इसके लिए स्थानीय कारीगरों को 28 लाख दीयों का ऑर्डर दिया गया था, कई जगहों पर दीयों को कुछ विशेष पैटर्न में सजाया गया है। स्वास्तिक के आकार में 80,000 दीये सजाए गए हैं, जो शुभता का प्रतीक है।
राम मंदिर परिसर को दीपोत्सव के लिए सात जोन में बांटा गया है। प्रत्येक जोन में 100-100 की कतार में आकृति तैयार कर दीप सजाए जाएंगे। यह दिए शाम 6 बजे से प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। जो तीन घंटे तक अनवरत जलते रहेंगे। अखंड दीपक भी दीपोत्सव का हिस्सा होंगे। तेल के दीये तो हैं ही, रंगीन मिट्टी और गाय के गोबर और मोम के खास दिए के दीये आकर्षण का केंद्र होंगे। 30 अक्टूबर को घाटों को सजाने में 30,000 से ज्यादा वॉलिंटियर्स मदद करेंगे।
राम जन्मभूमि मंदिर में प्रदूषण को कम करने वाले विशेष लैंप का उपयोग किया जाएगा। पर्यटन विभाग ने अयोध्या को सजाने और संवारने के लिए एजेंसियों को जिम्मेदारियां सौंपी हैं। इस बार अयोध्या में प्रदूषणमुक्त ग्रीन आतिशबाजी भी नया प्रतिमान गढ़ेगी। अयोध्या की आतिशबाजी पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना 120 से 600 फीट की ऊंचाई तक आसमान में बिखरेगी। इस दृश्य को पांच किमी के दायरे में लोग आसानी से देख सकेंगे। शाम को सरयू पुल पर आतिशबाजी के अलावा लेजर शो, फ्लेम शो और संगीत का संगम भी प्रस्तुत किया जाएगा।
बता दें कि रामकथा पार्क के पास हैलिपैड पर भरत मिलाप कार्यक्रम होगा। जहां रामलीला को प्रदर्शित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में 1,100 लोग सरयू नदी के तट पर विशेष 'आरती' करेंगे। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा कर्मचारियों को पूरे शहर में तैनात किया गया है। यहाँ पर सिर्फ पास धारकों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। दीपोत्सव की सुरक्षा बनाए रखने के लिए शहर भर में लगभग 10,000 सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें से आधे सिविल ड्रेस में हैं।
गौरतलब है कि दीपोत्सव का उद्देश्य पवित्र शहर के आध्यात्मिक, पारंपरिक और सांस्कृतिक सार को प्रदर्शित करना है, जिसमें छह देशों म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया के कलाकारों का प्रदर्शन और उत्तराखंड की राम लीला प्रस्तुति भी शामिल है। इस वर्ष के दीपोत्सव के दौरान पूरे मंदिर परिसर को फूलों से सजाया जा रहा है। पूरे अयोध्या में एलईडी लगाई गई है और शहर को फूलों की मालाओं और आकर्षक रोशनी से सजाया जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस बार की दिवाली और खास है। रामलला के मंदिर में विराजमान होने के बाद मनाई जा रही पहली दीपावली के लिए खास इंतजाम किए जा रहे हैं। वहीं इस ऐतिहासिक दिवाली पर श्रद्धालुओं के बीच उल्लास और भक्ति का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है।