महाकुंभ का शुभारंभ, 60 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

 13 Jan 2025  170

प्रयागराज में संगम की पावन धरती पर आयोजित होने वाला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम, महाकुंभ, सोमवार, 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर स्नान पर्व से शुरू हो गया है। सुबह साढ़े 9 बजे तक 60 लाख श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। आज 1 करोड़ भक्तों के पहुंचने का अनुमान है। भक्तों पर 20 क्विंटल फूलों की वर्षा की जाएगी। देश के कोने-कोने से भक्त प्रयागराज आए हैं। विदेशी श्रद्धालु बड़ी तादाद में कुंभ में स्नान करने पहुंचे हैं। प्रशासन के मुताबिक, जर्मनी, ब्राजील, रूस समेत 20 देशों से भक्त पहुंचे हैं।

कुंभ का आयोजन हरिद्वार, उज्जैन, प्रयागराज और नासिक में होता है। कुंभ मेले तीन प्रकार के होते हैं- महाकुंभ, पूर्णकुंभ और अर्धकुंभ, वहीं महाकुंभ को केवल प्रयागराज में ही आयोजित में किया जाता है। प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का पवित्र संगम होने के कारण इसका अलग धार्मिक महत्व है।

कुंभ मेले के पीछे हिंदू धर्म की पौराणिक कहानी है। इसके मुताबिक़ समुद्र मंथन के दौरान जब राक्षसों और देवताओं के बीच अमृत को लेकर संघर्ष हुआ था। इस संघर्ष के दौरान अमृत की कुछ बूंदें प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में गिरी थीं। यही कारण है कि कुंभ का आयोजन सिर्फ़ इन चार स्थानों पर किया जाता है। इस साल होने वाले महाकुंभ में तीन शाही स्नानों का आयोजन किया जाएगा। पहला शाही स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन आयोजित किया जाएगा। वहीं, दूसरा शाही स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर और तीसरा शाही स्नान 3 फ़रवरी को बसंत पंचमी के दिन आयोजित होगा। 

इस महाकुंभ में 75 देशों के लोग शिरकत करेंगे। महाकुंभ को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ने पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं। क्योंकि इस बार का महाकुंभ भव्य, दिव्य, अलौकिक और डिजिटल महाकुंभ है। इसलिए रेलवे ने अपने यात्रियों के सुविधा के लिए हर वह इंतजाम किए हैं जिससे उनके श्रद्धालु यात्री तीर्थराज प्रयागराज में संगम में बिना किसी दिक्कत के आस्था के डुबकी लगा लें।केवल महाकुंभ के लिए 13,000 ट्रेन भारतीय रेल चला रही है। इनमें से 3,000 स्पेशल ट्रेन है महाकुंभ के लिए है, जबकि 10,000 रेगुलर ट्रेन है। पहली बार रेलवे ने श्रद्धालु यात्रियों के लिए मेला कंट्रोल टावर स्टेशन बनाया है। जो लगातार सीसीटीवी के जरिए स्टेशन और श्रद्धालुओं पर नजर रखेंगे। 


क्यूआर कोड के जरिए रेलवे यात्री संगम जाने के लिए रूट की जानकारी ले पाएंगे, साथी उनके रहने और खाने का इंतजाम कहां-कहां है उसकी भी जानकारी ले पाएंगे। कौन सी बस उनको संगम लेकर जाएगी यह भी जानकारी कयुआर कोड से ले सकते हैं। जो भी यात्री महाकुंभ में आएंगे उनके रेलवे टिकट पर कलर कोड है, कलर कोड पर स्कैन करके जानकारी ले पाएंगे कि उन्हें कहां जाना है कहां रुकना है। प्रयागराज स्टेशन से किस रास्ते से बाहर निकलना है यह भी जानकारी होगी। क्योंकि हाल के दिन में रेलवे ट्रैकों के साथ काफी छेड़खानी देखी गई है इसके मद्दे नजर रेलवे के अधिकारी ड्रोन कैमरे के जरिए भी रेलवे ट्रैक पर नजर रखेंगे। 

महाकुंभ में ट्रेन से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए प्रयागराज के सभी 9 रेलवे स्टेशन पूरी तरीके से तैयार हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ-साथ रेलवे के अधिकारी प्रयागराज प्रशासन के अधिकारी चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं ताकि जो श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगम की तरफ बढ़ेंगे उन्हें किसी भी प्रकार से परेशानी ना हो। जैसे ही श्रद्धालु रेलवे स्टेशन से बाहर निकलेंगे उनको इलेक्ट्रिक बस और शटल बस मिल जाएगी जो संगम तट की तरफ लेकर जाएगी। महाकुंभ 2025 में देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं का पहुंचाना शुरू हो गया है। इस बार उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालु यहां पर पहुंचेंगे और ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था के यहां पर भुगतान इंतजाम किए हैं इसमें कोई चूक ना हो यह भी एक बड़ी चुनौती पुलिस के अधिकारियों की है पुलिस ने सिक्योरिटी लॉ एंड ऑर्डर को लेकर वर्कशॉप कंप्लीट कर ली है। 

महाकुंभ मेले में 1.5 लाख शौचालय, 30 पांटून पुल, और 13 अखाड़े स्थापित किए गए हैं। 5,000 एकड़ पार्किंग, 550 शटल बसें, 300 इलेक्ट्रिक बसें, 3,000 स्पेशल ट्रेनें, और 14 नई उड़ानों की सुविधा दी जा रही है। श्रद्धालुओं के लिए वेटिंग एरिया भी तैयार है।महाकुंभ में अब कॉल सेंटर सिस्टम की जैसी व्यवस्था की गई है, जहां सुई भी खोने पर 10 सेंटर से लाइव मदद मिल सकेगी। सोशल मीडिया के माध्यम से भी जानकारी साझा की जाएगी और विशाल स्क्रीनों पर सूचना फ्लैश होगी. इस व्यवस्था से श्रद्धालुओं को किसी भी समस्या का तुरंत समाधान मिल सकेगा, ताकि महाकुंभ में उनकी यात्रा सुगम हो। महाकुंभ 2025 की झलक बैंकॉक में भी दिखाई दी है. प्रयागराज की बेटी अनामिका बैंकॉक में 13 हजार फीट की ऊंचाई से महाकुंभ का आधिकारिक झंडा पहराते हुए स्‍काई डाइविंग कर नया कीर्तिमान बनाया है। प्रयागराज की बेटी ने अपने साहसिक प्रदर्शन से दुनियाभर को महाकुंभ में आने का अनोखा निमंत्रण दिया है। 


महाकुंभ प्रयागराज में तरह-तरह के बाबाओ के रंग देखने को मिल रहे हैं। दिव्य और भव्य महाकुम्भ को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए प्रबंधन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं। इस बार एआई तकनीक को पुलिस ने अपना हथियार बनाया है। 2700 से ज्यादा एआई सीसीटीवी महाकुम्भ नगर में लगाए गए हैं। वह सीधे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखेंगे और उसकी रिपोर्ट कंट्रोल रूम को देंगे। मेले के दौरान 37,000 पुलिसकर्मी और 14,000 होमगार्ड तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही एनएसजी, एटीएस, एसटीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी चौकसी बरत रही हैं। 


इस महाकुंभ को डिजिटल महाकुंभ भी कहा जा रहा है। यूपी सरकार ने महाकुंभ मेला ऐप, एआई चैटबॉट, क्यूआर कोड से जानकारी और डिजिटल खोया-पाया केंद्र जैसी डिजिटल सेवाओं की शुरुआत की है। महाकुंभ मेला ऐप 11 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध है। यह ऐप यात्रा की योजना, टेंट सिटी का विवरण, गूगल नेविगेशन, कार्यक्रमों के रियल टाइम अपडेट, पर्यटक गाइड का विवरण, व्यापारिक और आपातकालीन सेवाएं मुहैया कराएगा। इसके अलावा ये ऐप लाइव अपडेट्स और स्थानीय सेवाओं से जोड़ने में सहायक है। श्रद्धालुओं और साधु-संतों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए पूरे मेला क्षेत्र में कई अस्पताल तैयार किए जा रहे हैं। इन अस्पतालों में डॉक्टरों की तैनाती की जा रही है। प्रयागराज के सभी रेलवे स्टेशनों पर 24 घंटे एंबुलेंस की सुविधा की विशेष व्यवस्था की गई है। सेंट्रल हॉस्पिटल में आपात स्थितियों के लिए हर तरह की आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए सभी ज़रूरी मशीनें स्थापित की जा चुकी हैं। 

महाकुंभ मेले में पूरी योगी सरकार संगम में डुबकी लगाएगी और जनकल्याण की कामना करेगी। इसके बाद सरकार संगम के किनारे कैबिनेट की बैठक कर प्रदेश और प्रयाग के हित से जुड़े फैसले भी लेगी। महाकुंभ में इस बार विधानमंडल की विशेष बैठक भी बुलाने की तैयारी चल रही हैं, जिसमें आस्था क्षेत्र में सभी जनप्रतिनिधि एक साथ बैठेंगे। योगी बतौर सीएम 2019 में पहली बार कुंभ की तैयारियों के मेजबान बने थे। इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं के विकास के साथ उन्होंने सरकार के अहम फैसलों के लिए भी संगम के तट को चुना था।

 

कुंभ मेले का सामाजिक महत्व इस तथ्य में निहित है कि यह दुनिया का एकमात्र ऐसा आयोजन है जिसके लिए किसी आमंत्रण की आवश्यकता नहीं होती है, फिर भी लाखों तीर्थयात्री इस विशाल आयोजन के लिए आते हैं। कुंभ मेला एक सामाजिक संदेश भी देता है जो सभी मनुष्यों के कल्याण, अच्छे विचारों को साझा करने और रिश्तों को बनाए रखने और मजबूत करने का है। मंत्रों का जाप, पवित्र व्याख्याएँ, पारंपरिक नृत्य, भक्ति गीत और पौराणिक कहानियाँ लोगों को एक साथ लाती हैं, जिससे कुंभ का सामाजिक महत्व झलकता है।