कनाडा के ब्रैम्पटन में हिन्दू मंदिर पर हमला

 04 Nov 2024  659

कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में एक हिन्दू मंदिर पर हमला किए जाने की खबर के बाद कनाडा ही नहीं बल्कि भारत में भी आक्रोश की लहर फ़ैल गई है। एक ओर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने हिंसा को अस्वीकार्य बताते हुए कहा कि कनाडा में सभी धर्म के लोगों को अपनी आस्था का पालन करने की आजादी है तो वही संसद में विपक्षी नेता ने और भारतवंशी चंद्रा आर्या ने भी घटना की कड़ी निंदा करते हुए सरकार पर आरोप लगाए है। 


रविवार 3 नवंबर को कनाडा के ब्रैम्पटन शहर के हिंदू सभा मंदिर के पास खालिस्तानी चरमपंथियों और भारतीय तिरंगे को थामे एक समूह के साथ उनकी झड़प हो गई। खालिस्तानी चरमपंथियों ने मंदिर के भक्तों पर हमला कर दिया। इस हमले के बाद मंदिर के बाहर हिंदुओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान मंदिर के पुजारी ने कहा कि यह हमला कनाडा में रह रहे हिंदू समाज पर नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के हिंदुओं पर है कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को पील रीजनल पुलिस ने कहा कि ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर में विरोध प्रदर्शन हुआ और सोशल मीडिया पर सर्कुलेट वीडियो में प्रदर्शनकारियों को खालिस्तान के समर्थन में बैनर पकड़े हुए देखा गया।

वीडियो में हिंदू सभा मंदिर के आसपास के मैदान में लोगों के बीच मारपीट और लोगों को डंडों से एक-दूसरे पर हमला करते हुए देखा गया। जिस समय वारदात को अंजाम दिया गया उस समय परिसर में महिलाएं और बच्चे भी मौजूद थे और खबरों के मुताबिक मंदिर में मौजूद महिलाओं और बच्चों पर भी हमला हुआ है। हालात तनावपूर्ण होने के बाद स्थानीय पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों को तैनात किया और पुलिस ने आश्वस्त किया कि किसी भी तरह की हिंसा को रोकने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं। 

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को इस हमले की निंदा की, ट्रूडो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि - आज ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में हुई हिंसा की घटनाएं अस्वीकार्य हैं। प्रत्येक कनाडाई को स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित रूप से अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है। समुदाय की रक्षा करने और इस घटना की जांच करने और तत्काल प्रतिक्रिया देने के लिए क्षेत्रीय पुलिस का धन्यवाद कहा। 

इस हमले के बाद कनाडा में भारतीय समुदाय में भारी आक्रोश है। कई नेताओं की प्रतिक्रिया भी सामने आई। भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कनाडा सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की।  साथ की कहा कि फ्रीडम ऑफ स्पीच के तहत खालिस्तानी चरमपंथियों को खुली छूट मिली हुई है। हिंदू-कनाडाई लोगों को अपनी रक्षा के लिए आगे आना चाहिए। इसके अलावा विपक्षी नेता पियरे पोलिवरे और ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने भी कनाडा सरकार की निंदा की। वही भारत सरकार ने भी इस घटना को लेकर कनाडा से सुरक्षा बढ़ाने की अपील की है।

आपको बता दें कि कनाडा में पहले भी हिंदू मंदिरों पर हमले हो चुके हैं। कनाडा में पिछले कुछ समय से हिंदू मंदिरों और समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने से भारतीय समुदाय चिंतित है। पिछले कुछ सालों में ग्रेटर टोरंटो एरिया, ब्रिटिश कोलंबिया और कनाडा में बाकी जगहों पर हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया है और अब इस घटना ने कनाडा में रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों, खासकर हिंदू समुदाय में गहरी असुरक्षा का माहौल बना दिया है।