एससी-एसटी एक्ट में अब बिना जांच गिरफ्तारी संभव
10 Feb 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
अब बिना जांच के पुलिस एससी-एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तारी कर सकती है. गौरतलब है कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन कानून, 2018 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार के संशोधन को मंजूरी दे दी है. जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस विनीत सरण और जस्टिस रवींद्र भट की पीठ इन याचिकाओं पर फैसला सुनाया. इस फैसले पर दो न्यायधीशों ने सरकार से संशोधन का समर्थन किया वहीं एक जज ने विरोध किया. यह कानून एससी-एसटी एक्ट के तहत गिरफ्तार किसी आरोपी को अग्रिम जमानत देने के प्रावधानों पर रोक लगाता है. सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च 2018 में अपने फैसले में कहा था कि एससी-एसटी एक्ट के तहत बिना जांच के गिरफ्तारी नहीं हो सकती है. इस पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच के इस फैसले पर असहमति जताते हुए पुनर्विचार याचिका दायर की थी. दरअसल, एससी-एसटी कानून, 1989 के हो रहे दुरुपयोग के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून के तहत मिलने वाली शिकायत पर स्वत: एफआईआर और गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. इसके बाद संसद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने के लिए कानून में संशोधन किया गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे. खासतौर से दलित समुदाय के लोगों ने जगह-जगह बाजार बंद कराकर प्रदर्शन किए थे. जिसके बाद सरकार ने इस फैसले को बदलने का फैसला लिया था.