कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर केस में दोषी संजय रॉय को उम्रकैद

 20 Jan 2025  166

   सियालदह की अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने शनिवार को संजय रॉय को पिछले साल 9 अगस्त को आरजी कर अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या का दोषी करार दिया था। इस जघन्य अपराध के कारण देश भर में आक्रोश फैल गया था और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन जारी रहा था।

   पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मामले में सोमवार को सजा का ऐलान कर दिया गया है। कोर्ट ने दोपहर 2.45 बजे अपना फैसला सुनाते हुए दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई। सियालदह अदालत ने संजय रॉय पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। सियालदह कोर्ट के जज अनिरबन दास ने कहा कि यह दुर्लभतम मामला नहीं है। पीड़ित परिवार को उसकी मौत के लिए 10 लाख रुपये मुआवजा और 7 लाख रुपये अतिरिक्त दिया जाना चाहिए।

   इससे पहले सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में संजय रॉय को कोलकाता की एक अदालत ने दोषी करार दिया था। रॉय को जिन धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया है, उसमें उसे न्यूनतम आजीवन कारावास, जबकि अधिकतम मौत की सजा हो सकती है।

   फैसला सुनाने से पहले दोषी को कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान संजय रॉय ने अदालत से कहा कि मुझे फंसाया जा रहा है,  कोई अपराध नहीं किया है। इस पर सीबीआई ने कहा कि यह जघन्य अपराध है। इसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। सीबीआई के अधिवक्ता ने अदालत से कहा कि हम समाज में लोगों का विश्वास बनाए रखने के लिए कड़ी से कड़ी सजा का अनुरोध करते हैं। मामले में पीड़िता के माता-पिता ने दोषी के लिए मौत की सजा की मांग की है।

   अपनी दलील में संजय रॉय के वकील ने कहा कि दोषी को फांसी की जगह कोई और सजा दी जानी चाहिए। भले ही यह दुर्लभतम मामला हो, लेकिन सुधार की गुंजाइश होनी चाहिए। अदालत को यह दिखाना होगा कि दोषी क्यों सुधार या पुनर्वास के लायक नहीं है। सरकारी वकील को सबूत पेश करने होंगे और कारण बताने होंगे कि व्यक्ति सुधार के लायक क्यों नहीं है और उसे समाज से पूरी तरह से खत्म कर देना चाहिए।

   सियालदह की अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने शनिवार को संजय रॉय को 9 अगस्त 2024 को अस्पताल में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या का दोषी करार दिया था। इस जघन्य अपराध के कारण देश भर में आक्रोश फैल गया था और लंबे समय तक विरोध प्रदर्शन जारी रहा था। संजय को आरजी कर अस्पताल के सेमिनार कक्ष में 31 वर्षीय चिकित्सक का शव पाए जाने के एक दिन बाद 10 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया गया था। 

   बीएनएस की धारा 64 (दुष्कर्म) के तहत कम से कम 10 साल की सजा का प्रावधान है, जो आजीवन कारावास तक हो सकती है। धारा 66 के तहत कम से कम 20 साल की सजा का प्रावधान है और यह आजीवन कारावास तक हो सकती है। बीएनएस की धारा 103(1) (हत्या) के तहत दोषी को मृत्युदंड या आजीवन कारावास का प्रावधान है।