कृषि सुधार विधेयक पर पीएम मोदी ने दिया विरोधियों को जवाब

 18 Sep 2020  676

संवाददाता/in24 न्यूज़.
किसानों के मुद्दे पर जबरदस्त हंगामा के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विरोधियों पर निशाना साधा है. देश में कृषि सुधार विधेयक को लेकर हंगामा बरपा हुआ है। विधेयक पारित होने से नाराज केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, तो दूसरी तरफ विपक्ष सरकार को किसान विरोधी बताकर सड़क पर उतरने को तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि विधेयक को किसानों का रक्षा कवच बताते हुए विरोध करने वालों को बिचौलियों का साथ देने वाला बताया। आइए जानते हैं आखिर कृषि सुधार विधेयक में ऐसा क्या है, जिसकी वजह से सड़क से लेकर संसद तक हंगामा मचा हुआ है। लोकसभा में गुरुवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक पारित कर दिया। आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक पहले ही पारित हो चुका है। तीनों विधेयकों को अब राज्यसभा में रखा जाएगा और ऊपरी सदन में पारित होने के बाद ये कानून बन जाएंगे। केंद्र सरकार ने विधेयक को लेकर फैलाए जा रहे सारे भ्रम को गलत बताया है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों को इन विधेयकों के माध्यम से अपनी मर्जी से फसल बेचने की आजादी मिलेगी। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बरकरार रखा जाएगा और राज्यों के अधिनियम के अंतर्गत संचालित मंडियां भी राज्य सरकारों के अनुसार चलती रहेंगी। कृषि सुधार से किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए नए-नए अवसर मिलेंगे, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के किसानों को आश्वस्त किया कि लोकसभा से पारित कृषि सुधार संबंधी विधेयक उनके लिए रक्षा कवच का काम करेंगे और नए प्रावधान लागू होने के कारण वे अपनी फसल को देश के किसी भी बाजार में अपनी मनचाही कीमत पर बेच सकेंगे। प्रधानमंत्री ने विपक्षी पार्टियों, खासकर कांग्रेस पर, आरोप लगाया कि वह इन विधेयकों का विरोध कर किसानों को भ्रमित करने का प्रयास कर रही हैं और बिचौलियों के साथ किसानों की कमाई को बीच में लूटने वालों का साथ दे रही हैं। पीएम मोदी ने कहा कि विश्वकर्मा जयंती के दिन लोकसभा में ऐतिहासिक कृषि सुधार विधेयक पारित किए गए हैं। किसान और ग्राहक के बीच जो बिचौलिए होते हैं, जो किसानों की कमाई का बड़ा हिस्सा खुद ले लेते हैं, उनसे बचाने के लिए ये विधेयक लाए जाने बहुत आवश्यक थे। ये विधेयक किसानों के लिए रक्षा कवच बनकर आए हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग दशकों तक सत्ता में रहे हैं और देश पर राज किया है, वे लोग किसानों को इस विषय पर भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं ओर उनसे झूठ बोल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र की सरकार किसानों को एमएसपी के माध्यम से उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकारी खरीद भी पहले की तरह जारी रहेगी, कोई भी व्यक्ति अपना उत्पाद दुनिया में कहीं भी बेच सकता है। जहां चाहे वहां बेच सकता है। मोदी ने कहा कि किसानों के लिए जितना राजग शासन में पिछले छह वर्षों में किया गया है, उतना पहले कभी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि मैं आज देश के किसानों को बड़ी नम्रता पूर्वक अपनी बात बताना चाहता हूं। कृषि सुधार विधेयक का सबसे ज्यादा विरोध पंजाब और हरियाणा में देखने को मिल रहा है। किसान और व्यापारियों को इससे एपीएमसी मंडियां खत्म होने की आशंका है। बढ़ते दबाव के कारण ही केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस समेत सभी प्रमुख राजनीतिक दल विधेयक का विरोध कर रहे हैं। पीएम मोदी की बात से दुविधा में आये किसानों को बड़ी राहत मिली है.