अबतक चमोली में 38 लाशें बरामद

 13 Feb 2021  554

संवाददाता/in24 न्यूज़.
ग्लेशियर टूटने से जिस तरह उत्तरखंड के चमोली में तबाही का मंजर सामने आया और उसमें जो लोग लापता हो गए उनकी तलाश लगातार जारी है. चमोली ज़िले के जोशीमठ टनल में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और अन्य टीमें बचाव अभियान का काम कर रही है. शुक्रवार रात तक जारी अपडेट के अनुसार पुलिस ने कहा कि अब तक 38 शव बरामद किए गए हैं, जिनमें से 11 लोगों की पहचान कर ली गई है. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और सेना बहु-एजेंसी बचाव प्रयास का हिस्सा हैं, जो फंसे हुए श्रमिकों को खोजने का काम कर रहे हैं. सुरंग के नीचे और लोगों के फंसे होने की आशंका है. इस बीच आईटीबीपी ने गांवों में राशन और अन्य आवश्यक वस्तुओं को वितरित करने वाले कर्मियों की तस्वीरें पोस्ट कीं, जो बाढ़ के कारण कट गए हैं. उत्तराखंड के धौलीगंगा में बाढ़ के कारण कट गए गांवों में आईटीबीपी के जवानों द्वारा राशन और आवश्यक वस्तुओं का संग्रहण और वितरण किया जा रहा है. शुक्रवार को उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है ताकि फंसे हुए श्रमिकों के परिवार के सदस्य क्षेत्र की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें. कंट्रोल रूम के नंबर 0135-2712685 और 9411112985 पर संपर्क किया जा सकता है. इसके अलावा लोग चमोली जिले में कंट्रोल रूम के नंबर 01372-251487 और 9084127503 पर संपर्क कर सकते हैं. राज्य द्वारा संचालित दिग्गज बिजली कंपनी एनटीपीसी ने डॉक्टरों और पैरा-मेडिकल कर्मचारियों की एक मेडिकल टीम भी बनाई है और तपोवन में आम जनता के लिए चिकित्सा शिविर शुरू किए हैं. इस बीच, रक्षा मंत्रालय ने कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) वर्तमान में सभी आवश्यक मोर्चों पर कनेक्टिविटी को फिर से स्थापित करने के लिए काम कर रहा है. बीआरओ ने 100 से अधिक वाहनों / इक्विपमेंट और प्लांटों को शामिल किया है.मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि परियोजना शिवालिक के 21 बीआरटीएफ के 200 कर्मियों को बचाव और पुनर्वास उद्देश्यों के लिए तैनात किया गया है. बता दें कि जिन मजदूरों की जानकारी अबतक नहीं मिली है उनके परिवार में मातम पसरा हुआ है.