सामने आने लगा बीजेपी का ‘मनसे’ प्रेम

 09 Aug 2021  640

संवाददाता/in24 न्यूज़।  
आने वाले कुछ महीनों में मुंबई महानगरपालिका चुनाव के साथ-साथ महाराष्ट्र के कई हिस्सों में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं जिसको लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी अपनी तैयारियों में से जुट गई है। और इसी के साथ साथ जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है। इसी कड़ी में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन की चर्चा भी तेज है। आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में गठबंधन के लिए मनसे प्रेम उभर कर सामने आने लगा है। शुक्रवार को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे से उनके आवास कृष्णकुंज पर मुलाकात की थी। दोनों नेताओं के बीच करीब 40 से 45 मिनट तक चर्चा हुई थी। सूत्रों के मुताबिक़ पाटिल ने आगामी महानगरपालिका चुनाव में बीजेपी-मनसे के बीच गठबंधन को लेकर राज के साथ मंथन किया है। हालांकि मुलाकात के बाद पाटिल ने मीडिया से हुई बातचीत में इस बात से इनकार किया कि गठबंधन पर कोई चर्चा हुई है। हालांकि उन्होंने माना कि यह मुलाकात राजनीतिक थी, जिसमें एक -दूसरे की भूमिकाओं पर चर्चा की गई थी। चंद्रकांत पाटिल का कहना है कि वे राज ठाकरे द्वारा कई मुद्दों पर लिए गए स्टैंड को  समझना चाहते थे। भूमिपुत्रों को नौकरी देने के मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पाटिल ने कहा कि यदि कोई कहता है कि उत्तर प्रदेश के युवाओं को वहां  80 फीसदी नौकरी मिलनी चाहिए, तो गलत नहीं है। उसी तरह  यदि राज ठाकरे कहते हैं कि महाराष्ट्र के मराठी बच्चों को यहां रोजगार मिले तो इसमें गलत क्या है? गौर करने वाली बात यह है कि बीजेपी और मनसे के बीच गठबंधन में सबसे बड़ा पेंच फंस रहा है उत्तर भारतीय वोट बैंक को लेकर। मनसे के गठन के बाद से ही राज ठाकरे कई मुद्दों को लेकर उत्तर भारतीयों को अपने निशाने पर ले चुके हैं। साल 2009 में बिहार और यूपी से आए छात्रों को कल्याण में कथित रूप से मनसे कार्यकर्ताओं ने पीटा था। वहीं मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा उत्तर भारतीय  टैक्सी ड्राइवर को भी पीटने की शिकायत मिली थी, इस वजह से राज की इमेज एंटी उत्तर भारतीय नेता की बन गई थी। हालांकि हाल के वर्षों में राज ने एक उत्तर भारतीय नेता के सम्मलेन में भाग लेकर यह संदेश देने की कोशिश की थी कि उनका विरोध उत्तर भारतियों से नहीं, बल्कि मुंबई में आवश्यकता से बढ़ती भीड़ को लेकर है। इसके बावजूद बीजेपी राज ठाकरे की भूमिका को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है। ऐसे में बीजेपी के नेता इस बात को लेकर डरे हुए हैं कि अगर उन्होंने मनसे से समझौता कर लिया तो वे उत्तर भारतीय लोगों को क्या मुंह दिखाएंगे। उन्हें लगता है कि कहीं राज के साथ हाथ मिलाने से उनके हिंदी भाषी वोटर, ख़ास तौर से उत्तर भारतीय नाराज़ न हो जाएं। महाराष्ट्र में यदि कांग्रेस अपने बल पर स्थानीय निकाय का चुनाव लड़ती है तो शिवसेना-एनसीपी में गठबंधन तय माना जा रहा है। ऐसे में शिवसेना-एनसीपी का गठबंधन नाशिक, ठाणे, पुणे, पिंपरी- चिंचवड़ और बीएमसी के लिए होगा। अगर ऐसा होता है तो बीजेपी के लिए अकेले शिवसेना-एनसीपी का सामना करना आसान नहीं होगा। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यही वजह है कि बीजेपी के लिए राज ठाकरे का साथ लेना उनकी मज़बूरी बन गई है।