अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर लाने की तैयारी में मोदी सरकार

 21 Dec 2019  716

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
केंद्र की मोदी सरकार नागरिकता से जुड़ा एक और कदम उठाने जा रही है। दरअसल, मोदी सरकार मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को मंजूरी दे सकती है। हालांकि कई राज्यों ने पहले ही इसका विरोध किया है, जबकि गृह मंत्रालय ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र के इस तरह के फैसले का राज्य सरकार विरोध नहीं कर सकती है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की शुरुआत साल 2010 में यूपीए सरकार ने की थी। यह देश के सामान्य नागरिकों की सूची है। इसमें देश के नागरिकों के पहचान का आंकड़ा रहता है। एनपीआर में हर उस नागरिक का डाटाबेस होगा, जो देश के किसी भी हिस्से में कम से कम 6 महीने से स्थायी निवासी हो या किसी जगह पर उसका अगले 6 महीने रहने की योजना हो। एनपीआर में कुल 15 कैटेगरी हैं, जिनमें नाम से लेकर जन्म स्थान, शैक्षिक योग्यता और व्यवसाय आदि शामिल हैं। इस आधार पर नागरिकों से जुड़ी जानकारी एकत्र की जाएगी। नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 14(ए) के तहत वैध नागरिक बनने के लिए इसमें नाम दर्ज करना अनिवार्य है। साल 2010 में लागू होने के बाद साल 2015 में एनपीआर को अपडेट किया गया था। 2011 में जब एक व्यापक डेटाबेस तैयार किया गया तो उसमें आधार, मोबाइल नंबर और राशन कार्ड की जानकारी इकट्ठा की गई थी। इसके बाद 2015 में इस लिस्ट में नाम जुड़वाने के लिए पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी और पासपोर्ट की जानकारी भी देनी पड़ी।