अकाली दल,शिवसेना के बाद अब चंद्राबाबू नायडू नोटबंदी फैसले से खफा !
02 Jan 2017
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ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले को अपना समर्थन देने वाले एनडीए के सहयोगी दल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रा बाबु नायडू ने अचानक अपना रूख बदल दिया है। चंद्राबाबू नायडू ने आरबीआई के कामकाज पर भी प्रश्न चिन्ह लगा दिया। चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि नोटबंदी के फैसले को चालीस दिन बीत चुके हैं लेकिन जनता की समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है। इसके साथ ही उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से से आरोप लगाते हुए कहा कि जिन्हें समस्या सुलझानी है, वे इसके काबिल नहीं हैं और समस्या भी कब ख़त्म होगी इसके लिए कुछ भी कहा नहीं जा सकता।
विजयवाड़ा में मंगलवार को अपनी पार्टी के सांसदों और विधायकों से बातचीत के दौरान चंद्रबाबू ने कहा कि नोटबंदी से जनता परेशान है और इतने दिन बीतने के बाद भी जनता की समस्याओं को ख़त्म करने में केंद्र सरकार सफल नहीं हो पायी और ना ही उनके पास आने वाले दिनों में जनता की समस्याओं को हमेशा के लिए ख़त्म करने की कोई योजना है। यहां आपको ये बताना जरुरी है कि चंद्राबाबू नायडू नोटबंदी पर निगरानी रखने वाली सेंट्रल कमिटी के मुखिया बनाये गए हैं और उनका इस तरह नोटबंदी के खिलाफ दिया गया बयान कहीं न कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले को मुंह चिढ़ा रहा है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्राबाबू नायडू ने आरबीआई के काम काज पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि लोगों को अपनी बुनियादी जरुरत की चीजे खरीदने के लिए नई करेंसी नहीं मिल रही। बैंक और एटीएम में रोज कैश की किल्लत देखी जा रही है। आपको बता दें इससे पूर्व चंद्राबाबू नायडू ने कहा था कि 1000 और 500 रुपये के पुराने नोट बंद किये जाने से हो रही समस्याएं जल्द ही ख़त्म हो जाएगी लेकिन इसका फायदा लंबे वक्त में देश की जनता को मिलेगा।
मुख्यमंत्री एन चंद्राबाबू नायडू ने खुद के बारे में बताते हुए कहा कि वे रोजाना दो घंटे का वक्त देते हैं और जनता की समस्या ख़त्म करने के लिए अपना सिर फोड़ते हैं लेकिन नोटबंदी से उत्पन्न किसी भी समस्या का हल ढूंढ़ पाने में वे नाकामयाब हैं। चंद्राबाबू ने नोटबंदी पर कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार लोगों की समस्याओं के लिए कई नए तरीके अपनाये हैं और यह नकदी रहित लेन -देन के मामले में देश में एक आदर्श राज्य बन गया है बहरहाल कल तक जो चंद्राबाबू नोटबंदी के फैसले के बाद देश के प्रधानमंत्री का समर्थन कर रहे थे आज वही उनकी खिलाफत कर रहे हैं ऐसे में देश की जनता पूरी तरह से भ्रमित है कि अब आने वाले दिनों में उनकी समस्या किस तरह से ख़त्म होगी जब एनडीए का घटक दल ही एनडीए की सरकार के फैसले के खिलाफ हो गया है तो विरोधी दलों की बात को कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है