नई बीमारी कांगो से गुजरात के पशुओं की ठाणे में नो एंट्री

 03 Oct 2020  653
संवाददाता/in24 न्यूज़.  
विश्वव्यापी महामारी कोरोना के बाद अब एक नई बीमारी क्रिमियन कांगो हेमोरेजिक फीवर का खतरा बढ़ रहा है। यह रोग संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने या उनके मांस खाने से मनुष्यों में पैैलता है। इस संबंध में पालघर जिले में अलर्ट जारी करने के बाद अब ठाणे जिले में पशुपालन विभाग ने गोकिड उन्मूलन कार्यक्रम शुरू किया है। जिसके अनुसार जिले में पशुओं पर दवा का छिड़काव किया जाएगा। इसके साथ ही गुजरात के पशुओं की अब ठाणे में नो एंट्री पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान ही अब गुजरात के कच्छ और बोटाड जिले में कांगो बीमारी के मामले पाए गए हैं। यह बीमारी पशुओं को खिलानेवाले दानों के कारण होती है। यह बीमारी संक्रमित पशु के संपर्क में आने या संक्रमित पशु के मांस खाने से फैलती है। गुजरात से पालघर, ठाणे और मुंबई में बड़ी संख्या में भेंड़-बकरियों को लाया जाता है। इसलिए पालघर में अलर्ट जारी करने के साथ ही गुजरात से आनेवाले पशुओं का पालघर के चेक पोस्टों पर परीक्षण किया जा रहा है। 2012 के पशुधन की जनगणना के अनुसार जिले में लगभग 7,26,000 पशुधन हैं। गाय, बैल, भेंड़-बकरियों और अन्य घरेलू व आवारा पशुओं पर गोकिड उन्मूलन के लिए स्प्रे किया जाएगा। इस संबंध में तालुका स्तर पर बैठकें भी हो रही हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मुद्दे पर एक बैठक गुरुवार को जिला कलेक्टर कार्यालय में होगी। संक्रमित जानवर के संपर्क में आने पर मनुष्य को बीमारी होने की संभावना अधिक होती है। कांगों से होनेवाली मृत्यु दर 30 प्रतिशत है। इस बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं है इसलिए किसानों और पशुपालकों को खलिहान को नियमित साफ रखने की आवश्यकता है। ठाणे जिले में अभी कांगो बीमारी का खतरा नहीं है। फिर भी हमने जिले में सभी स्थानों पर गोकिड उन्मूलन कार्यक्रम चलाया है। हम पशुपालकों को भी इस बीमारी के बारे में सूचित करेंगे। बता दें कि अब भी कोरोना का संकट बरकरार है और इस नई बीमारी ने और भी डराने का काम शुरू कर दिया है.