मनचलों को सबक सिखाने के लिए लड़कियों ने बनाई करंट मारने वाली पिस्टल

 08 Mar 2024  854

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
महिला दिवस पर लड़कियों की बहादुरी से जुड़ी खबर यूपी से सामने आई है। गोरखपुर आईटीएम गीडा की तीन छात्राओं ने छेड़खानी करने वाले मनचलों को सबक सिखाने वाली अनोखी पिस्टल तैयार की है। यह पिस्तौल गोलियां नहीं, बल्कि 10,000 वोल्ट का करंट उगलेगी। इतना ही नहीं, यह पिस्टल मोबाइल के वाई-फाई या ब्लूटूथ से कनेक्ट हो कर इस्तेमाल की जा सकती है। पिस्टल बनाने वाली गोरखपुर आईटीएम गीडा की ये तीनों छात्राएं अंशिका पाठक, स्मिता जायसवाल, और प्रीति रावत हैं। दरअसल, महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकारी स्तर पर लगातार प्रयास हो रहे हैं लेकिन दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। ऐसे में इन छात्राओं द्वारा बनाया गया यह इलेक्ट्रॉनिक पिस्टल बहुत सहयोगी साबित होने वाला है।अंशिका पाठक ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को देखते हुए हमने महिला सुरक्षा और आपात सेवा के लिए नारी शक्ति गन तैयार की है। अगर कोई किसी महिला के साथ परेशान करने या नुकसान पहुंचाने का प्रयास करता है तो पीड़ित महिला इस पिस्टल में लगे ट्रिगर को दबाकर सामने वाले को 10 हजार वोल्ट का करेंट दे सकती है। साथ ही इस डिवाइस से जुड़े फोन के माध्यम से आपात नंबर के जरिए उनकी मदद हो जाएगी। इसके अलावा इस डिवाइस को पिस्टल के अलावा किसी और रूप में भी बनाया जा सकता है। इस डिवाइस में कई आपातकालीन नंबर सेवाओं को जोड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि निर्भय नारी शक्ति डिवाइस पिस्टल को मोबाइल के वाई-फाई या ब्लूटूथ से कनेक्ट कर इस्तेमाल किया जा सकेगा। मुसीबत में महिलाएं अपनी आत्मरक्षा कर सकेंगी। पुलिस और परिवार के सदस्यों को बिना मोबाइल टच किये कॉल व लोकेशन भी भेज सकती हैं। इस निर्भय नारी शक्ति पिस्टल को कॉलेज के इनोवेशन सेल में मात्र 15 दिनों मे तैयार किया गया है। इनका कहना है कि यह इलेक्ट्रानिक पिस्तौल किसी भी मोबाइल फोन के चार्जर से चार्ज किया जा सकेगा। एक घंटे के चार्ज पर पांच महीने तक काम कर सकता है। स्मिता जायसवाल ने बताया कि पिस्तौल की बॉडी को थ्रीडी प्रिंटर से तैयार किया गया है। पिस्तौल को हार्ड फाइबर से तैयार किया गया है। तकरीबन 125 ग्राम वजनी और चार इंच लम्बाई वाली यह पिस्टल बहुत छोटी है। महिलाएं इसे पर्श या पॉकेट मे आसानी से रख सकती हैं। इस पिस्टल को तैयार करने में 3,500 रुपए का खर्च आया है। इसके निर्माण में थ्रीड़ी प्रिंटर, ब्लूटूथ मॉड्यूल, 3.7 वोल्ट बैटरी, स्विच, डीसी टू एसी ट्रांसफार्मर इत्यादि का प्रयोग किया गया है। बता दें कि महिलाओं ले लहिलाफ जिस तरह अत्याचार के मामले आते हैं ऐसे में अपनी सुरक्षा करना महिलाओं के लिए आवश्यक है।