सात लाख की रिश्वत लेने के आरोप में तहसीलदार और दो पटवारी गिरफ्तार

 28 Dec 2023  452

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के तहत पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने आज मुनक के सेवामुक्त तहसीलदार संधूरा सिंह, संगरूर जिले के हलका बल्लरां के पटवारी धरमराज और भगवान दास पटवारी (सेवामुक्त) को कृषि योग्य ज़मीन के ग़ैर-कानूनी तबादले और इंतकाल करवाने के एवज़ में सात लाख रुपए की रिश्वत लेने के दोष अधीन गिरफ़्तार किया है। राज्य विजिलेंस ब्यूरो के सरकारी प्रवक्ता ने खुलासा किया कि एफआईआर नंबर 18 तारीख़ 27.12.2023 की गहराई से तफ्तीश करने के बाद आइपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी के अंतर्गत विजिलेंस ब्यूरो के आर्थिक अपराध शाखा लुधियाना के थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। एफआईआर में नामज़द किए गए मुलजिमों में संधूरा सिंह, तहसीलदार (सेवामुक्त), धरमराज पटवारी, मिट्ठू सिंह पटवारी (दोनों हलका बल्लरां, जि़ला संगरूर), भगवान दास, पटवारी ( सेवामुक्त) और एक निजी व्यक्ति बलवंत सिंह निवासी गाँव बल्लरां, जि़ला संगरूर शामिल हैं। जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि इस जांच के दौरान गांव बल्लरां में गुरतेज सिंह और अन्य की 25 कनाल 15 मरले ज़मीन का तबादला गाँव रायपुर, तहसील जाखल, हरियाणा में बलवंत सिंह की ज़मीन के साथ जाली तबादला और इंतकाल ( नंबर 10808) इंदराज कराने का खुलासा हुआ है। धरमराज पटवारी ने इस फर्जी इंतकाल को अंजाम देने के लिए बलवंत सिंह से सात लाख रुपए की रिश्वत ली थी। इसके बाद, धरमराज पटवारी ने इस इंतकाल की मंजूरी तहसीलदार संधूरा सिंह (अब सेवामुक्त) से जमांबन्दी में ऐंट्रियों के साथ मिलाने के लिए 15. 05. 2019 की बैक डेट से प्राप्त की, जिसकी समय सीमा 15. 05. 2023 थी। प्रवक्ता ने माल रिकार्ड में अनियमितताओं को उजागर करते हुए बताया कि पटवारी ने इंतकाल की मंजूरी के लिए एंट्री बाल प्वाइंट पेन के साथ की थी, उसी तारीख को अन्य ऐंट्रियों के उलट, जैल पैन का प्रयोग करके दर्ज की गई थीं। इसके इलावा, दोषी पटवारी ने अपने दोष को छिपाने के लिए इस इंतकाल की कापी कानूनगो के दफ़्तर को भी न भेजी। इस जांच के दौरान पता लगा कि गुरतेज सिंह और अन्य और बलवंत सिंह के बीच कोई पारिवारिक बटवारा नहीं हुआ था। इसके इलावा बलवंत सिंह के पास हरियाणा के गांव जाखल में कोई ज़मीन भी नहीं थी। साल 1966 से गाँव बल्लरां में ज़मीन के मालिक होने का दावा कर रहे बलवंत सिंह ने तबादले के द्वारा ज़मीन का मालिक बनने के लिए धरमराज पटवारी के पास पहुँच की, जिसने दस लाख रुपए की मांग की। बातचीत के बाद धरमराज पटवारी ने बलवंत सिंह से सात लाख रुपए की रिश्वत ले ली। प्रवक्ता ने बताया कि मामले की आगे जांच की जा रही है।