बलात्कारी पुलिस इंस्पेक्टर ने आख़िरकार किया सरेंडर

 17 Dec 2020  1628

संजय मिश्रा/in24 न्यूज़/सांगली 

    महाराष्ट्र में एक बार फिर खाकी वर्दी दागदार हुई है. प्रतियोगिता परीक्षा में मार्गदर्शन करने के बहाने एक पुलिस इंस्पेक्टर ने एक युवती के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. इस मामले में पीड़ित युवती ने सांगली के कड़ेगांव पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. कथित आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया. हाईकोर्ट द्वारा एंटीसिपेटरी बेल खारिज किये जाने के बाद आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर विपीन हसबनीस आखिरकार गुरूवार को कडेगांव पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया. कम्पटीशन की तैयारी कर रही युवती को मार्गदर्शन करने का झांसा देकर कथित पुलिस इंस्पेक्टर ने उसे मई 2020 में अपने घर बुलाया और उसे अपनी हवस का शिकार बनाया था. एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर हसबनीस फरार था. 

           जानकारी के मुताबिक, पुलिस इंस्पेक्टर विपीन हसबनीस का जून 2018 में कडेगांव पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर हुआ था. लॉकडाउन काल के मई महीने में कोल्हापुर से कराड जाते समय कासेगांव बस स्थानक पर एक युवती को बस का अन्तजार करते इंस्पेक्टर हसबनीस ने देखा तो अपनी गाडी रोककर इंस्पेक्टर विपीन हसबनीस ने कथित युवती को अपनी गाड़ी में लिफ्ट देकर उसे कराड पहुंचाया. इस दौरान इंस्पेक्टर विपीन हसबनीस ने कथित युवती से उसके बारे में जानकारी ली तो पता चला कि कथित युवती सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए कम्पटीशन की तैयारी कर रही है जिसके बाद इंस्पेक्टर हसबनीस ने उक्त कम्पटीशन में कथित युवती का मार्गदर्शन करने का उसे आश्वासन दिया और उसका मोबाइल नंबर ले लिया. उसके बाद से इंस्पेक्टर विपीन हसबनीस कथित युवती को लगातार फ़ोन कर उसका परीक्षा में मार्गदर्शन करने के लिए अपने घर पर उसे बुलाया. इस दौरान कथित  युवती के साथ आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर ने कई बार बलात्कार किया ऐसा आरोप कथित युवती ने पुलिस इंस्पेक्टर पर लगाया. अपनी शिकायत में कथित पीड़िता ने ये भी आरोप लगाया कि उसके साथ अप्रैल 2020 से लेकर जुलाई 2020 तक कथित पुलिस इंस्पेक्टर ने बलात्कार किया और हर बार पीड़िता को वो यही धमकी देता था कि अगर पीड़िता ने किसी को उसके बारे में बताया तो वो आत्महत्या कर लेगा. 

        इस घृणित वारदात की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सुहेल शर्मा ने मामले की जांच का जिम्मा लोकल क्राइम को सौंप दिया. उसी दौरान विशेष पुलिस महानिरीक्षक ने इंस्पेक्टर विपीन हसबनीस को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. बलात्कार मामले में अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए इंस्पेक्टर विपीन हसबनीस ने पहले जिला सत्र व्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जहां माननीय न्यायाधीश ने आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर को कोई राहत न देते हुए उसका एंटीसिपेटरी बेल रिजेक्ट कर दिया. जिला सत्र न्यायालय से कोई राहत न मिलने पर आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर विपीन हसबनीस ने हाईकोर्ट का रुख किया लेकिन यहां भी उसे कोई राहत नहीं मिली और उसकी गिरफ्तारी पूर्व जमानत याचिका माननीय न्यायालय ने खारिज कर दी. कहीं से भी बचने का रास्ता न मिलने पर आखिरकार आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर विपीन हसबनीस ने गुरूवार की सुबह कडेगांव पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया. इस्लामपुर उप विभागीय पुलिस उप अधीक्षक कृष्णा पिंगले अब इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. कुल मिलाकर अपनी वर्दी और अपने ओहदे का गलत फायदा उठाने वाला पुलिस इंस्पेक्टर जा पहुंचा है सलाखों के पीछे जहां उससे लगातार पूछताछ की जा रही है. जिस पुलिस स्टेशन में इंस्पेक्टर विपीन हसबनीस का ट्रांसफर हुआ था उसी पुलिस स्टेशन में बलात्कार के आरोप में उसकी गिरफ्तारी हुई है. इसे कहते हैं विधि का विधान लेकिन सबसे बड़ा सवाल वही कि कानून के रक्षक ही यदि भक्षक बन जायेंगे तो आम जनता किस पर विश्वास करेगी. जिस तरह एक गंदी मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है ठीक उसी तरह कथित बलात्कारी पुलिस इंस्पेक्टर ने पूरे पुलिस महकमे पर एक ऐसा दाग लगा दिया है जसी धो पाना इतना आसान नहीं होगा.