महाराष्ट्र (maharashtra) के ठाणे (thane) जिले के अंतर्गत आने वाले भायंदर पश्चिम इलाके में कई दशकों से रहने वाले कोली समाज पर प्रकृति का कहर टूटा है. जिसकी वजह से इन्हें आर्थिक रूप से कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
आपको बता दें कि भायंदर पश्चिम के उत्तन में रहने वाले सैकड़ों मछुआरे समुद्र में मछली पकड़ कर अपना जीवन यापन करते हैं. लेकिन पिछली रात समुद्र में तेज तूफ़ान आने से इनकी बोट क्षतिग्रस्त हो गयी। इन मछुआरों ने अपने अपने बोट समुद्र के किनारे ही बांध रखे थे, लेकिन इनमें से कई सारे मछुआरों की बोट तूफ़ान की चपेट में आ गयीं। बड़ी लहरों के थपेड़ों से कई मछुआरों की बोट टुकड़ो में बंट गयी. अपने परिवार का पेट पालने वाली बोट की ऐसी स्थिति देखकर मछुआरे भावुक हो गए. इन मछुआरों के सामने अब सबसे बड़ी मुश्किल परिवार चलाना हो गया है. इनका कहना है कि ये मछली पकड़ कर अपना पेट पालते हैं, लेकिन बोट टूट जाने की वजह से अब मछली नहीं पकड़ सकते, इसलिए अब इन मछुआरों ने भी किसानों की तरह क्षतिपूर्ति की मांग की है.