कलकत्ता हाईकोर्ट को टीएमसी ने दिया सात दिन में शाहजहां शेख की गिरफ्तारी का भरोसा
27 Feb 2024
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
पश्चिम बंगाल में संदेशखाली कांड को लेकर तृणमूल कांग्रेस की लगातार किरकिरी हो रही है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पुलिस को संदेशखाली यौन उत्पीड़न और भूमि हड़पने के आरोपी टीएमसी नेता शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया, जिसके बाद राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि वह दोषियों को नहीं बचा रही है और उसे सात दिन के भीतर गिरफ्तार कर लिया जाएगा। मुख्य न्यायाधीश टी एस शिवगणनम के नेतृत्व वाली एक खंडपीठ ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि यह जानकर आश्चर्य हुआ कि 42 मामलों के आरोपपत्र में तब्दील होने में चार साल लग गए। उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि शाहजहां शेख, प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो, पुलिस अधीक्षक, राज्य के गृह सचिव को महिलाओं के यौन उत्पीड़न और आदिवासियों की जमीन हड़पने के आरोपों पर स्वत: संज्ञान लेकर शुरू किए गए मामले में पक्षकार बनाया जाए। अदालत ने निर्देश दिया कि इसलिए, उक्त व्यक्ति को संबंधित पुलिस अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया जाए। निर्देश का स्वागत करते हुए, तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने दावा किया कि अदालत के पिछले आदेशों ने उसे गिरफ्तार करने में पुलिस के हाथ बांध दिए थे। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि वह कलकत्ता उच्च न्यायालय का आदेश था जिसने दर्ज प्राथमिकी की जांच करने पर रोक लगा दी थी। गिरफ्तारी एक जांच की परिणति होती है। यदि अदालत रोक लगाती है, तो आप जांच भी नहीं कर सकते। गिरफ्तारी कैसे हो सकती है? यदि आप अदालत के पिछले आदेश को पढ़ें, उसमें आदेश पर रोक लगा दी गई थी और मामले पर सुनवाई छह मार्च को करना निर्धारित किया गया था। मामले में पेश हुए अधिवक्ताओं द्वारा यह कहे जाने के बाद कि यह गलत धारणा बनाई गई है कि अदालत ने शेख की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, पीठ ने कहा कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है। अदालत ने कहा कि उसने एक अलग मामले में केवल सीबीआई और राज्य पुलिस के उस संयुक्त विशेष जांच दल के गठन पर सात फरवरी को रोक लगाई थी, जिसे एकल पीठ ने ईडी अधिकारियों पर हमले की जांच करने का आदेश दिया था। इसने राज्य पुलिस को हमले के संबंध में उनके द्वारा दर्ज किए गए मामलों में जांच में आगे बढ़ने पर रोक लगाई थी। पिछले पांच जनवरी को संदेशखालि में शेख के आवास पर छापेमारी के लिए गई ईडी टीम पर भीड़ द्वारा हमला किया गया था। शेख तब से फरार है। शाहजहां और उसके समर्थकों के खिलाफ जमीन पर कब्जा करने और यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर संदेशखालि में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पांच जनवरी को उत्तर 24 परगना जिले के नज़ात पुलिस थाने में तीन प्राथमिकी दर्ज की गईं, एक शेख के एक कर्मचारी द्वारा ईडी अधिकारियों के खिलाफ, दूसरी ईडी द्वारा शेख और उसके कथित सहयोगियों के खिलाफ और पुलिस द्वारा स्वत: संज्ञान प्राथमिकी। टीएमसी के घोष ने कहा कि विपक्षी दल शेख की गिरफ्तारी में कानूनी उलझनों को एक अवसर के रूप में इस्तेमाल करके राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि मामले को आज स्पष्ट करने और पुलिस को कार्रवाई करने की अनुमति देने के लिए उच्च न्यायालय को धन्यवाद। शाहजहां को सात दिनों के भीतर गिरफ्तार किया जाएगा। टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने रविवार को इसी तरह का बयान दिया था। इस बीच संदेशखालि में जमीन कब्जा करने के आरोप में टीएमसी नेता अजीत मैती को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे बशीरहाट की एक अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। अधिकारियों ने कहा कि शेख के खिलाफ 70 से अधिक शिकायतें दर्ज होने के बाद उसके खिलाफ एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी। सुंदरबन के बाहरी इलाके में स्थित द्वीप के कुछ हिस्सों में नये विरोध प्रदर्शन हुए क्योंकि स्थानीय लोगों ने स्थानीय टीएमसी नेताओं की संपत्तियों में तोड़फोड़ की। उन्होंने लाठियों से लैस होकर, टीएमसी नेता शंकर सरदार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करते हुए बरमाजुर इलाके में कुछ घरों पर हमला किया। वह घर पर नहीं थे लेकिन उनके परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट की गई। विपक्षी दल टीएमसी पर शेख को बचाने का आरोप लगा रहे हैं। बता दें कि संदेशखाली कांड पर जमकर सियासत शुरू है।