अकबर मामले में अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को

 18 Oct 2018  1024

in24न्यूज़/मुंबई।

 मी टू मामले में घिरने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले एमजे अकबर ने यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिलाओं पर मानहानि का मुकदमा किया है, जिसकी गुरुवार को हुई सुनवाई में पटियाला कोर्ट के जज ने अगली तारीख 31अक्टूबर को दिया है. उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिलाओं के साथ -साथ एमजे अकबर का बयान दर्ज किया जायेगा। ट्वीट के जरिये अकबर पर आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार प्रिया रमानी सहित 16 महिला पत्रकारों ने अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.  इस मामले में समर्थन में आयी 20महिलाओं ने एमजे अकबर के खिलाफ कोर्ट में गवाही देने की बात कही है. पत्रकार से नेता बने पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कोर्ट में अकबर की पैरवी कर रहीं अधिवक्ता गीता लुथरा ने प्रिया रमानी और बाकी महिलाओं के ट्वीट्स का हवाला देते हुये कहा कि अकबर की 40 साल में तैयार हुई छवि को नुकसान पहुंचाया गया है. राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में ट्वीट का इस्तेमाल लेख के लिये किया गया जिसके कारण प्रतिष्ठा को भारी नुकसान पहुंचा है. वहीं मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद एमजे अकबर ने कहा कि झूठे आरोपों के खिलाफ लड़ूंगा, अदालत में न्याय के लिये गया हूं और मुझे पूरा भरोसा है कि न्याय मिलेगा।

1971 में  टाइम्स ऑफ इंडिया से प्रशिक्षु के तौर पर पत्रकारिता से करियर की शुरुआत करने वाले एमजे अकबर कई बड़े मीडिया  संस्थानों में काम कर चुके हैं. उन्होंने राजनीतिक शुरुवात 1989 से 1991 के बीच कांग्रेस से की थी. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के प्रवक्ता के साथ -साथ एमजे अकबर कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं. 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने के बाद मोदी सरकार में अकबर को  विदेश राज्य मंत्री बनाया गया था.