लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी एसपीजी संशोधन बिल पास

 03 Dec 2019  711

संवाददाता/in24 न्यूज़।  
आज लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी एसपीजी संशोधन बिल पास हो गया है. इस पर कांग्रेस ने राज्यसभा से वॉकआउट कर लिया है. इससे पहले इससे पहले 27 नवंबर यह विधेयक लोकसभा में ध्वनिमत से पारित किया गया था. इस दौरान भी कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर लिया था. अमित शाह ने सदन में एसपीजी अधिनियम 2019 (संशोधित) बिल पेश कर किया था. इससे पहले केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी की ओर से पेश किए गए एसपीजी संशोधन विधेयक पर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप एक्ट सिर्फ पीएम के व्यक्तिगत सुरक्षा की चिंता नहीं करता है. यह अन्य पहलुओं पर भी सुरक्षा करता है, जैसे पत्राचार वगैरह शामिल है. शाह ने कहा कि थ्रेट का सवाल है कि सिर्फ गांधी परिवार नहीं बल्कि 130 करोड़ लोगों के सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है, एसपीजी की जिद क्यों की जा रही है. अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के घर पर एक घटना हुई. एक सूचना मिली कि राहुल गांधी घर पर मिलने आ रहे हैं. राहुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा और सोनिया गांधी जब उनके घर पहुंचते हैं तो कोई जांच नहीं होती है. काले रंग की एक सफारी प्रियंका गांधी के घर में पहुंची, लेकिन इस गाड़ी में कांग्रेस की एक नेता थीं. जिस समय राहुल गांधी आने वाले थे उसी समय ही वे पहुंचीं. ये इत्तेफाक था. हमने जांच का आदेश दे दिया है. अमित शाह ने आगे कहा कि सरकार ने गांधी परिवार से सुरक्षा वापस नहीं ली है. सिर्फ बदलाव किया गया है. जो रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति को सुरक्षा मिली है, वही उनको मिली है. उन्होंने कहा कि कम्यूनिस्ट पार्टी को राजनीतिक बदले पर बोलने को कोई हक नहीं है. केरल में बीजेपी-आरएसस के 120 से ज्यादा कार्यकर्ताओं की हत्या हो जाती है. ये सिर्फ राजनीतिक बदले में होती है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, मैं साफ करना चाहता हूं कि गांधी परिवार को ध्यान में रखते हुए एसपीजी बिल नहीं लाया गया. बिल से गांधी परिवार का कोई संबंध नहीं है. मैं इतना जरूर कहना चाहता हूं कि पिछले परिवर्तन एक परिवार को ध्यान में रखते हुए किए गए थे. अशोक सिंघल को एसपीजी नहीं मिली थी. उन्होंने आगे कहा कि एक दौर में उनको भी खतरा था. प्रधानमंत्री स्टेट ऑफ हेड होता है, इसलिए उनके लिए ये सुरक्षा जरूरी है. जहां तक धमकी का सवाल क्यों सिर्फ गांधी परिवार. सबको सुरक्षा मिले. 130 करोड़ लोगों की जिम्मेदारी सरकार की है. मुझे एसपीजी सुरक्षा की जिद समझ नहीं आती है. अमित शाह ने आगे कहा कि हम समानता में मानते हैं. इस देश में केवल गांधी परिवार की सुरक्षा नहीं है. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सुरक्षा हटा ली गई. वीपी सिंह की सुरक्षा हटा ली गई थी. कांग्रेस के नरसिंहा राव की सुरक्षा हटा ली गई. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सुरक्षा जेड प्लस की गई. तब कांग्रेस ने कोई हाए तौबा नहीं मचाया. हम परिवार का विरोध नहीं करते हैं. हम परिवारवाद का विरोध करते हैं. जब तक हमारे सीने में दम है परिवार का विरोध करते रहेंगे. गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि सबसे पहले इस बिल को लेकर जो भ्रांतियां हैं वह मैं दूर करना चाहता हूं. दो सदस्यों ने जो कहा कि इस बिल को दो परिवारों को ध्यान में रखकर लाया गया यह हकीकत नहीं है. मैं थोड़ी और स्पष्टता से कहूं तो मेरा कहने का यह आशय था कि गांधी परिवार के तीन सदस्यों को ध्यान में रखकर यह बिल लाया गया, यह ठीक नहीं है. जो पुराना कानून था उस आधार पर गांधी परिवार की सेक्युरिटी असेस्मेंट के आधार पर उनकी एसपीजी सुरक्षा हटा ली गई है. इसके लिए उनको दूसरी सुरक्षा मुहैया कराई गई है.