कांग्रेस में अध्यक्ष के चुनाव की मांग पर गुलाम नबी आज़ाद अड़े

 29 Aug 2020  490

संवाददाता/in24 न्यूज़.
कांग्रेस में अध्यक्ष के चुनाव को लेकर घमासान अबतक खत्म नहीं हुआ है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद अपने स्टैंड पर कायम हैं। उन्होंने साफ कहा है कि कांग्रेस कार्यसमिति समेत संगठन के प्रमुख पदों के लिए चुनाव होने चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग चुनाव का विरोध कर रहे हैं, वे अपना पद जाने से डर रहे हैं। आजाद ने यहां तक कहा कि चुनाव होना चाहिए क्योंकि नियुक्त किए गए कांग्रेस अध्यक्ष के पास शायद एक प्रतिशत सपोर्ट भी न हो। आजाद ने कहा कि अगर पार्टी को कोई चुनी हुई इकाई लीड करती है तो ही उसकी स्थिति बेहतर होगी, नहीं तो कांग्रेस अगले 50 साल तक विपक्ष में बैठती रहेगी। वापसी के लिए पार्टी में चुनाव जरूरी गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले कई दशकों से, पार्टी में चुनी हुई इकाइयां नहीं हैं। शायद हमें 10-15 साल पहले ही ऐसा कर देना चाहिए था। अब हम एक के बाद एक चुनाव हार रहे हैं और अगर हमें वापसी करनी है तो चुनाव करवा कर पार्टी को मजबूत करना होगा। अगर मेरी पार्टी अगले 50 साल तक विपक्ष में बैठना चाहती है तो पार्टी के भीतर चुनावों की कोई जरूरत नहीं है। मुझे नहीं बनना पार्टी अध्यक्ष आजाद ने कहा कि उनकी कोई निजी महत्वाकांक्षा नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं एक बार सीएम रहा हूं, केंद्रीय मंत्री रहा हूं, पार्टी में सीडब्ल्यूसी सदस्य और महासचिव रहा हूं। मैं अपने लिए कुछ नहीं चाहता। मैं अगले 5 से 7 साल सक्रिय राजनीति में रहूंगा। मैं पार्टी अध्यक्ष नहीं बनना चाहता। एक सच्चे कांग्रेसी की तरह मैं पार्टी के भले के लिए चुनाव चाहता हूं। चुनाव जीतकर आए पार्टी का अगला अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा, जब आप चुनाव लड़ते हैं तो कम से कम 51 प्रतिशत आपके साथ होते हैं। बाकी उम्मीदवारों को 10 या 15 फीसदी वोट मिलेंगे। जो जीतेगा और पार्टी अध्यक्ष का पद संभालेगा, इसका मतलब उसके साथ 51 प्रतिशत लोग हैं। इस वक्त जो भी कांग्रेस अध्यक्ष बनेगा,उसके पास एक प्रतिशत लोगों का समर्थन भी नहीं होगा। अगर सदस्य चुने जाते हैं तो उन्हें हटाया नहीं जा सकता। इसमें समस्या कहां है? बता दें कि फिलहाल अगले कांग्रेस अध्यक्ष के फाइनल होने तक सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर पार्टी को सेवा देती रहेंगी.