सीएम उद्धव को मंदिर खोलने के लिए राज ठाकरे ने लिखा पत्र

 03 Sep 2020  488

संवाददाता/in24 न्यूज़।
कोरोना का सबसे अधिक ख़तरा महाराष्ट्र में बरकरार है। इसी वजह से मंदिर और अन्य पूजा के स्थान में प्रवेश वर्जित है, इसी मुद्दे को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनकी सरकार को घेरा है। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव को एक पत्र लिखा है पत्र में उन्होंने कहा है कि अगर सरकार ने मंदिर खोलने के कोई नियम नहीं बनाये तो हमें सरकार के आदेशों की अवहेलना कर मंदिर में प्रवेश करना होगा। वर्तमान समय में, कुछ मामलों में महाविकास अघाड़ी सरकार की ढुलमुल नीति बहुत भ्रामक है। एक तरफ अनलॉक प्रक्रिया के कई चरण शुरू हो गए हैं, मॉल खोले जा रहे हैं, सार्वजनिक कार्यक्रमों में उपस्थिति को सौ करने की अनुमति भी दी जा रही है, और इस सब में भक्तों और देवताओं का अलगाव अभी भी जारी है। इसके साथ ही उन्होंने प्रश्न किया कि ऐसा क्यों है कि मंदिरों को खोलने के लिए यह सरकार इतनी अनिच्छुक है? जनता ने मंदिरों को बंद करने के सरकार के फैसले का भी समर्थन किया जब कोरोना के कारण आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी कार्य रोक दिए गए थे। लेकिन आज महाराष्ट्र में मंदिरों को बंद क्यों किया जा रहा है यह समझ नहीं आ रहा है। जब दैनिक जीवन में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं? यदि सरकार मॉल और सार्वजनिक आयोजनों के लिए प्रतिबंधों में ढील देते हुए कुछ नियमों को लागू कर सकती है, तो मंदिर के उपयोग के लिए ऐसा ही कोई नियम या ढांचा होना चाहिए। चाहे वह आषाढ़ी वारी हो, गोपालकला उत्सव या तालाबंदी के दौरान गणेशोत्सव, राज्य में हिंदू भाइयों ने बहुत सद्भाव दिखाया है, उन्होंने सरकार के आदेशों का बहुत समझदारी से पालन किया है, इसलिए अगर कल मंदिर खुलता है, तो मुझे यकीन है कि राज्य में मेरे हिंदू भाई नियमों का सख्ती से पालन करेंगे। मंदिर के पुजारी भी मंदिर के चढ़ावे पर निर्भर हैं। इस बीच, त्र्यंबकेश्वर मंदिर के पुजारी मेरे पास आए थे और उसी दुख को मेरे सामने प्रस्तुत किया था। उस गांव की, उस शहर की अर्थव्यवस्था एक मंदिर पर निर्भर करती है। ऐसे में क्या अर्थव्यवस्था ध्वस्त होने की जिम्मेदारी सिर्फ मंदिरों पर ही पड़ेगी और किसी पर नहीं। उन्होंने आगे कहा कि पिछले पांच महीनों में, अर्थव्यवस्था में एक ठहराव है। कई लोगों ने अपनी नौकरी खो दी है, व्यवसाय दिवालिया हो गए हैं इसीलिए अब सरकार से लोग कुछ उम्मीदें लगा बैठे हैं। इसके लिए सरकार को जल्द ही कोई उपाय सोचना या करना पड़ेगा वर्ना जनता जरुर से न्याय करेगी। गौरतलब है कि इससे पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष देवेंद्र फडनवीस भी शिकायत कर चुके हैं कि जब शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी जा सकती है तो मंदिरों को क्यों नहीं!