बिहार में चिराग तले अंधेरा

 11 Nov 2020  563

संवाददाता/in24 न्यूज़.
चिराग तले अंधेरा वाली कहावत को बिहार विधान सभा चुनाव में चिराग पासवान ने बिलकुल चरितार्थ कर दिया है. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का मुकाबला किसी टी-20 मैच से भी कहीं ज्यादा रोमांचक रहा है। अंतिम समय तक कई नेताओं की दिल की धड़कनें बढ़ी हुई थीं। इस मैच में जीत का अंतर भी बहुत ही कम रहा है। वहीं, चिराग पासवान की पार्टी लोजपा के लिए भी यह मुकाबला तनाव बढ़ाने वाला या कहें कि चेताने वाला रहा है। बता दें कि भाजपा के 22 बागी लोजपा के टिकट से मैदान में थे। भाजपा के कई दिग्गज नेताओं के लोजपा में आकर सिंबल लेने की घटना चुनाव में काफी सुर्खियां भी बटोर रही थी। पर, इन बागियों से भी लोजपा का भला नहीं हो सका। एक भी सीट पर ये बागी लोजपा को सीट दिलाने में सफल नहीं हो सके। बता दें कि इस बार चिराग की पार्टी लोजपा सिर्फ एक ही सीट जीत पाई है।चिराग की पार्टी को महज एक ही सीट से संतुष्ट होना पड़ा है। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का सपना पाले चिराग पासवान के लिए यह किसी झटके से कम नहीं। हालांकि बिहार की जनता, अन्य नेता व मंत्रियों की मानें तो यह साफ हो जाएगा कि वे पहले से ही यह समझते थे कि चिराग की पार्टी एलजेपी महज वोटकटवा बनकर रह जाएगी। रामविलास पासवान की मौत के बाद चिराग पासवान को अब राजनीतिक तौर पर खुद को और भी ज्यादा मजबूत बनाना होगा। अब चिराग के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि पिता की बनाई हुई पार्टी को किस तरह संजीवनी देने का काम करते हैं.