छठे भारत -जापान संवाद सम्मेलन को पीएम मोदी ने किया संबोधित

 21 Dec 2020  468

संवाददाता/in24 न्यूज़। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत- जापान संवाद सम्मेलन को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि वैश्विक विकास पर चर्चा केवल चुनिंदा देशों के बीच नहीं हो सकती और इसका दायरा बड़ा और मुद्दे व्यापक होने चाहिए। इस दौरान पीएम ने विकास के स्वरूप में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की भी पुरजोर वकालत की.छठे भारत-जापान संवाद सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पारंपरिक बौद्ध साहित्य और शास्त्रों के लिए एक पुस्तकालय के निर्माण का प्रस्ताव भी रखा.उन्होंने कहा कि अतीत में, साम्राज्यवाद से लेकर विश्व युद्धों तक, हथियारों की दौड़ से लेकर अंतरिक्ष की दौड़ तक मानवता ने अक्सर टकराव का रास्ता अपनाया है। पीएम ने कहा कि समय समय पर वार्ताएं हुई लेकिन उसका उद्देश्य दूसरों को पीछे खींचने का रहा, लेकिन अब साथ मिलकर आगे बढ़ने का समय है।' मानवता को नीतियों के केंद्र में रखने की जरूरत पर बल देते हुए पीएम मोदी ने प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व को अस्तित्व का मुख्य आधार बनाए जाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि वैश्विक विकास पर चर्चा सिर्फ कुछ देशों के बीच नहीं हो सकती। इसका दायरा बड़ा होना चाहिए। इसका एजेंडा व्यापक होना चाहिए।