डेटा लीक के मामले में मार्क जुकरबर्ग पर फिर हुआ मुकदमा

 24 May 2022  600

संवाददाता/in24 न्यूज़.
फेसबुक और मेटा के सीईओ मार्क ज़ुकरबर्ग की  कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले में मुसीबतें कम होती नहीं दिख रही हैं. साल 2018 में करोड़ों फेसबुक यूजर्स के डेटा लीक के मामले में मार्क जुकरबर्ग पर एक बार फिर मुकदमा किया गया है. वॉशिंगटन डीसी के अटॉर्नी जनरल कार्ल रासिने ने मार्क पर केस किया है. उन्होंने मार्क पर यूजर्स के डेटा को सुरक्षित नहीं रखने की वजह से केस किया है. कार्ल रासिने ने बताया कि सबूत बताते हैं कि जुकरबर्ग कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले में यूजर्स के डेटा और प्राइवेसी को सिक्योर रखने में फेसबुक की विफलता में व्यक्तिगत तौर पर मिले हुए थे. सोमवार को कार्ल ने कहा कि इस सिक्योरिटी ब्रीच में करोड़ों अमेरिकी यूजर्स का डेटा लीक हुआ और मार्क जुकरबर्ग की पॉलिसी ने यूजर्स को कई साल तक मिसलीड किया है. उन्होंने बताया कि यह मुकदमा के केवल वारंटेड नहीं है, बल्कि जरूरी भी है. यह कॉर्पोरेट लीडर्स समेत CEOs के लिए एक संदेश होगा कि उनके एक्शन की जिम्मेदारी भी उनकी ही है. इस केस में साफ कहा गया है कि मार्क जकरबर्ग कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले में जिम्मेदार हैं और वह फेसबुक ऑपरेशन और कैम्ब्रिज एनालिसिका को यूजर्स के डेटा यूज करने को कंट्रोल कर सकते थे. रासिने ने साल 2018 में डेटा लीक मामले में फेसबुक के खिलाफ एक केस फाइल किया था. फेसबुक पहले ही इस मामले में पिछली सरकार की स्क्रूटनी झेल चुका है. साल 2019 में फेसबुक पर फेडरल ट्रेड कमीशन ने 5 अरब डॉलर का जुर्माना लगा है. साल 2018 में कैम्ब्रिज एनालिटिका का मामला सामने आया था. लंदन बेस्ड फर्म के पास साल 2015 से फेसबुक यूजर्स का डेटा था और इसका इस्तेमाल अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में किया गया था. मामले फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने अभी कोई टिप्पणी नहीं की है. स्कैंडल के खुलासे के बाद कैम्ब्रिज एनालिटिका ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया था. रासिने ने अपने मुकदमे में कहा है कि जो कुछ भी कैम्ब्रिज एनालिटिका मामले में हुआ, उसे फेसबुक का बिजनेस उद्देश्य माना जाना चाहिए. साथ ही मामले में कहा गया है कि कंपनी अपनी पॉलिसी को मार्क जुकरबर्ग के निर्देश के अनुसार अपनाती है. ऐसे में ज़ुकरबर्ग किस कदर अपने जवाब से इस गंभीर आरोप का जवाब देते हैं यह देखना होगा।