एकनाथ शिंदे सरकार ने बदला मुंबई के 8 रेलवे स्टेशनों का नाम, अहमदनगर जिले का नाम बदला

 13 Mar 2024  894

ब्यूरो रिपोर्ट/in24न्यूज़/मुंबई    

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के रेलवे स्टेशनों को अंग्रेजों की ओर से दिए गए नाम अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएंगे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई उपनगरीय रेल मार्ग पर स्थित आठ रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। रेलवे स्टेशनों के नए नाम केंद्र सरकार की अंतिम मंजूरी के बाद लागू होंगे। वहीं सरकार ने अहमदनगर जिले का नाम भी बदल दिया है। अब अहमदनगर का नाम 'अहिल्यादेवी नगर' (Punyashlok Ahilyadevi Nagar) रख दिया गया है। इससे पहले सरकार ने औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव कर दिया था। दरअसल आगामी लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन सरकार ने कई सालों से रुकी हुई परियोजनाओं और प्रस्तावों को शुरू करने का प्रयास किया है। अब इसमें मुंबई रेलवे स्टेशनों का नाम बदलना भी जुड़ गया है। सांसद राहुल शेवाले ने सेंट्रल, हार्बर और वेस्टर्न रेलवे के स्टेशनों के ब्रिटिश नामों को बदलकर स्थानीय पहचान वाले मराठी नामों के संबंध में मुख्यमंत्री से पत्र-व्यवहार किया था। तीन दिन में दो बार महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक हुई। सोमवार की बैठक में 33 फैसलों की झड़ी के बाद आज बुधवार की बैठक में 26 फैसले लिए गए। लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में आचार संहिता से पहले यह अहम फैसले लिए गए। तीन दिनों में हुई दो कैबिनेट बैठकों के दौरान कुल 59 फैसले लिए गए। इन फैसलों में अहमदनगर शहर का नाम बदलना, पुणे जिले के वेल्हे तालुका का नाम राजगढ़ करना, मुंबई में आठ रेलवे स्टेशनों को ब्रिटिश नामों में बदलना और उत्तन से विरार सी लिंक को मंजूरी देना शामिल है। इस मामले में सांसद राहुल शेवाले ने बताया कि करी रोड स्टेशन का नाम लालबाग करने का प्रस्ताव रखा है। मरीन लाइंस स्टेशन का नाम मुंबई की कुल देवी मुंबा देवी के नाम पर होना चाहिए। चर्नी रोड को गिरगांव नाम दिया जाना चाहिए। हमने कॉटन ग्रीन को कालाचौकी, डॉकयार्ड रोक को मझगांव और किंग्ज सर्कल स्टेशन का नाम तीर्थंकर पार्श्वनाथ करने का प्रस्ताव दिया है। शेवाले के अनुसार नाम बदलने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की हरी झंडी मिलने के बाद प्रस्ताव केंद्र सरकार के बाद जाएगा। रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने के बारे में पूछने पर सांसद राहुल शेवाले ने कहा कि 1960 में भारत सरकार ने एक प्रस्ताव पास किया गया था, जिसके अनुसार ब्रिटिश हुक्मरान द्वारा दिए गए नाम को बदला जा सकता है। हमने सिर्फ अंग्रेजों द्वारा रखे गए स्टेशनों के नाम बदलने का प्रस्ताव रखा था। हमारी मांग है कि इन सभी का नाम बदलकर भारतीय नाम पर कर देना चाहिए।