कोटा में अंतिम संस्कार को लेकर अनोखी मांग

 07 Feb 2023  510

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
अंतिम संस्कार के मुद्दे पर राजस्थान के कोटा (Kota) में एक स्वयंसेवी संगठन श्री कर्मयोगी सेवा संस्थान (Shree Karmayogi Seva Sansthan) अपनी अनोखी मांग को मनवाने के लिए कलेक्टर तक जा पहुंचा है। अनूठी मांग यह थी कि पूरे देश में अंतिम संस्कार करवाने के लिए अलग से अंत्येष्टि मंत्रालय की स्थापना की जाए। राष्ट्रपति को संबोधित इस मांग का एक ज्ञापन कोटा के जिला कलेक्टर ओपी बुनकर को देने के लिए अनूठा अंदाज यह था कि श्री कर्मयोगी सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष राजाराम जैन कर्मयोगी, संयोजिका अलका दुलारी जैन और इंतकाल इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष गुड्डू वारसी के नेतृत्व में कोटा के नयापुरा से लेकर महाराव भीमसिंह अस्पताल रोड होते हुए कलेक्ट्रेट तक राम नाम सत्य है की राम धुन के साथ एंबुलेंस एवं अंतिम यात्रा वाहनों की रैली निकाली गई और एक प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्ट्रेट पहुंचने के बाद कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम संबोधित अपनी इस मांग का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि केंद्र एवं राज्य सरकार मिलकर देश के प्रत्येक कस्बों और शहरों में मोक्ष धामों के नजदीक कही किसी डेयरी बूथ की तरह ऐसे संस्थान स्थापित करें, जहां एक ही छत के नीचे सुव्यवस्थित तरीके से रियायती दरों पर अंतिम संस्कार में इस्तेमाल की जाने वाली सभी आवश्यक सामग्री उपलब्ध हो, ताकि लोगों को अपने किसी को खोने के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े। ज्ञापन में कहा गया है कि कस्बों से लेकर नगर-महानगरों तक जहां भी अंतिम मोक्ष स्थान है, उनका सुव्यवस्थित तरीके से निर्माण हो। अंतिम संस्कार से लेकर शव यात्रा में सम्मिलित होने वाले लोगों के स्नान तक की व्यवस्था की जाए। सामाजिक कारणों से रात्रि में अंतिम संस्कार नहीं किए जाने की परंपरा होने के कारण मोक्ष धामों में ही डी फ्रीजर की व्यवस्था की जाए ताकि शवों को सुरक्षित रखा जा सके। इसके अलावा मोक्षधामों से अस्थियों की चोरी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए प्रवाहित किए जाने से अस्थियां लॉकर में सुरक्षित रखने के प्रबंध किए जाए। ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि किसी दिवंगत के शव को एक शहर से दूसरे शहर या राज्य ले जाने के लिए ताबूत और शव वाहन की व्यवस्था की जाए ताकि शवों को लोग गरिमामय तरीके से अपने पैतृक स्थानों पर ले जाकर उनका अंतिम संस्कार कर सकें। बता दें कि यह मांग अपने आप में बेहद अलग है।