मायानगरी को बनाना है माधव नगरी - पंडित धीरेंद्र शास्त्री

 20 Mar 2023  705

संजय मिश्रा/in24/मुंबई    

बागेश्वर धाम मंदिर के महंत धीरेंद्र शास्त्री का मुंबई में आगमन हुआ, जहां कांग्रेस समेत महाविकास आघाड़ी के नेता उनका लगातार विरोध कर रहे थे. लेकिन इन सबके बावजूद, पंडित धीरेंद्र शास्त्री का दो दिवसीय दिव्य दरबार मुंबई से सटे मीरा रोड इलाके में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया. हालांकि इस दौरान श्रद्धालुओं को भारी समस्याएं भी आई, किसी के साथ चोरी की वारदात हुई तो, किसी को भगदड़ के दौरान चोटें भी आई. ऐसे में सियासतदारों ने भी सियासत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. आपको बता दें कि बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री से आमतौर पर लोग अपनी दिक्कतों के समाधान के लिए मिलते हैं. जब भी कोई श्रद्धालु मंच पर आता है तो, पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर्चे पर उसका नाम और उसकी दिक्कतों के साथ उसके प्रश्नों को लिख देते हैं. लेकिन यदि कोई ऐसा शख्स आ जाए, जिसका कोई सवाल ही ना हो, तब उसके पर्चे में क्या आता है, यह बड़ा दिलचस्प सवाल है. मुंबई में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री का दो दिनों का कार्यक्रम पूरा हो चुका है. इस कार्यक्रम के दौरान वह बहुत कुछ बोल गए. उन्होंने कहा कि मुंबई का नाम माधव नगरी हो, मुंबई को मायानगरी से माधव नगरी बनाना है. उन्होंने कहा कि यदि महाराष्ट्र नहीं आता तो विरोध करने वालों की जीत हो जाती. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैं किसी के चुनौती से नहीं डरता. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हम कोई ऐसा काम नहीं करेंगे, जिससे सनातन धर्म को नीचा देखना पड़े, लेकिन हम भारत को हिंदू राष्ट्र बनवा कर ही दम लेंगे. इसके अलावा पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अपने घर का एक बच्चा राम के लिए जरूर घर से बाहर निकालें. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जिनको बागेश्वर धाम में पाखंड नजर आता है. अंधविश्वास नजर आता है, उन मूर्खों को हमारे सामने आना चाहिए. उन्होंने कहा कि कोई विरोध करें तो, आप लोग अपना मन खिन्न मत किया करो. राम जी हैं, तो रावण के परिवार के लोग भी हैं. बहुत ज्यादा कोशिश की गई कि बागेश्वर वाले महाराज महाराष्ट्र में ना आ सके लेकिन अब हम आ चुके है और फिर से मुंबई आएंगे, जब तक जिएंगे तुम्हारे पास आते रहेंगे. अंत में पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने मुंबई से सटे मीरा रोड मैदान में कहा कि जिन्होंने हमारा विरोध किया उनको भी साधुवाद !