बरसाना मंदिर पहुंचे कथावाचक प्रदीप मिश्रा, नाक रगड़कर मांगी माफी
29 Jun 2024
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<span style="color:#221f1f"><span style="font-family:NotoSansDevanagariUI-Medium, Helvetica, sans-serif">बरसाना वाली राधे पर विवादित बयान देने के बाद शिव कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा सुर्ख़ियों में बने हुए है. वहीं आज पंडित प्रदीप मिश्रा </span></span><span style="color:#221f1f"><span style="font-family:NotoSansDevanagariUI-Medium, Helvetica, sans-serif">श्री राधारानी के मंदिर बरसाना पहुंचे। </span></span><span style="color:#221f1f"><span style="font-family:NotoSansDevanagariUI-Medium, Helvetica, sans-serif">यहां उन्होंने राधारानी को प्रणाम कर क्षमा मांगी। वे 5 मिनट तक बरसाना में रहे। यहां उन्होंने राधा-रानी को दंडवत प्रणाम किया और नाक रगड़कर माफी मांगी। इसके बाद मंदिर से बाहर निकले। हाथ जोड़कर ब्रज वासियों का अभिनंदन किया। सुरक्षा को देखते हुए श्रीजी मंदिर के पास फोर्स तैनात है। </span></span> <div> <div><font color="#221f1f"><font face="NotoSansDevanagariUI-Medium, Helvetica, sans-serif">प्रदीप मिश्रा ने कहा की मेरी वाणी से किसी को ठेस पहुंची है तो इसके लिए माफी मांगता हूँ. लाड़ली जी और बरसाना सरकार से क्षमा चाहता हूँ. सभी से निवेदन है की किसी के लिए कोई अपशब्द ना कहें, राधे-राधे कहें, महादेव कहें। मैं सभी महंत, धर्माचार्य और आचार्य से माफी मांगता हूँ. </font></font></div> <div> </div> <div><span style="color:#212529"><span style="font-family:NotoSans-Regular">गत कई दिनों से राधारानी के खिलाफ बयान देकर पंडित प्रदीप मिश्रा विवादों में चल रहे थे. इसके बाद संतों ने मामले में कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा था कि पंडित प्रदीप मिश्रा नाक रगड़कर माफी मांगें. उन्हें अल्टीमेटम दिया गया था. शनिवार को ब्रज के साधु संतों का प्रतिनिधिमंडल मथुरा एसएसपी से मिला था. 1 घंटे की वार्ता के बाद प्रतिनिधिमंडल को एफआईआर दर्ज करने की सहमति देकर वापस भेजा गया था. इसके बाद पंडित प्रदीप मिश्रा ने बरसाना पहुंचकर राधारानी के मंदिर में माफी मांगी.</span></span> <div> </div> <div> <div>क्या है पूरा मामला</div> <div> <div><span style="color:#221f1f"><span style="font-family:NotoSansDevanagariUI-Medium, Helvetica, sans-serif">पंडित प्रदीप मिश्रा ने एक कथा के दौरान कहा कि राधाजी बरसाना नहीं, बल्कि रावल गांव की रहने वाली थीं। बरसाना में उनके पिता की कचहरी थी। वहां पर वे साल में एक बार जाती थी। वर्ष में एक बार आना, यानि बरसाना। उन्होंने यह भी कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की 16 हजार रानियों में राधा का नाम नहीं है। उनके पति में श्रीकृष्ण का नाम नहीं है। राधा जी के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद कुटिला थीं। छाता गांव में राधाजी की शादी हुई थी।</span></span></div> </div> </div> </div> </div>