मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में पेश किया। इस बजट में किसानों, युवाओं और महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। साथ ही किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं। बजट में कृषि क्षेत्र पर खास फोकस किया गया। जिसमें 1.52 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस फंड से कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी।
कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया जाएगा। किसानों को कृषि फसलों का सर्वेक्षण, मिट्टी निरीक्षण जैसी तमाम चीजों की जानकारी दी जाएगी। इसके तहत 6 करोड़ किसानों के रिकॉर्ड को डिजिटल किया जाएगा। प्राकृतिक खेती को सरकार द्वारा प्राथमिकता दी जाएगी।
बजट में कृषि क्षेत्र के लिए बड़ा ऐलान:
देश के 400 जिलों में डीपीआई का उपयोग करते हुए खरीफ फसलों का डिजिटल सर्वेक्षण किया जाएगा।
पांच राज्यों में जन समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड किए जाएंगे जारी।
किसानों को कृषि फसलों के सर्वेक्षण, मृदा परीक्षण जैसी हर चीज की जानकारी दी जाएगी।
दलहन और तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता पर जोर
एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए तैयार किया जाएगा।
दाल और दलहन के मामले में देश को आत्मनिर्भरता बनाएंगे।
सोयाबीन और सूरजमुखी के बीजों का भंडारण बढ़ेगा।
पिछले साल के बट में किसानों को 1.25 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे। वहीं इस बार किसानों के लिए बजट 21.6% यानी 25 हजार करोड़ रुपए बढ़ाया गया। हालांकि किसानों की लगातार मांग के बाद भी मिनिमम सपोर्ट प्राइस (एमएसपी) को लेकर बजट में कोई घोषणा नहीं हुई। वहीं किसान सम्मान निधि की राशि भी नहीं बढ़ाई गई।