संगम की नगरी प्रयागराज में जारी दुनिया के सबसे बड़े समागम यानी महाकुंभ अब अपने समापन की ओर बढ़ रहा है। आस्था और संस्कृति के इस महापर्व में दुनिया ने न सिर्फ सनातन की ताकत देखी बल्कि संगम तट पर आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ा की शायद ही इससे पहले कभी ऐसा समागम देखने को मिला हो।सरकार और प्रशासन के तमाम अनुमान गलत साबित हुए है और महाकुंभ में इतिहास रचा गया है।
महाकुंभ में उमड़े श्रद्धलुओं ने ऐसा कीर्तिमान रच दिया है जो न सिर्फ़ इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया है बल्कि आध्यात्मिक मेले के आयोजन को देख दुनिया हैरान है। महाकुंभ में अब तक पचास करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाकर मिसाल कायम की है। इस विराट समागम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दुनिया में केवल भारत और चीन की जनसंख्या ही यहां आने वाले लोगों की संख्या से अधिक है। योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रयासों से इस परंपरा ने अपनी दिव्यता और भव्यता से पूरी दुनिया को मुग्ध कर दिया है।
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि अमेरिका, रूस और पाकिस्तान जैसे देशों की जितनी आबादी है उससे कहीं ज्यादा लोगों ने संगम में डुबकी लगाईं है। यदि हम आबादी के हिसाब से दुनिया के 10 बड़े देशों की बात करें तो भारत 141 करोड़ से अधिक की आबादी के साथ पहले नंबर पर है। वहीं चीन 140 करोड़ की आबादी के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके अलावा 34 करोड़ से अधिक की आबादी के साथ अमेरिका तीसरे, 28 करोड़ से अधिक की आबादी के साथ इंडोनेशिया चौथे, 25 करोड़ से अधिक की आबादी के साथ पड़ोसी देश पाकिस्तान पांचवें, 24 करोड़ से अधिक की आबादी के साथ नाइजीरिया छठें, 22 करोड़ से अधिक की आबादी के साथ ब्राजील सातवें, 17 करोड़ से अधिक की आबादी के साथ बांग्लादेश आठवें, 14 करोड़ से अधिक की आबादी के साथ रूस नौवें और 13 करोड़ से अधिक की आबादी के साथ मैक्सिको दसवें स्थान पर है।
महाकुंभ में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की जनसंख्या से अमेरिका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, नाइजीरिया, ब्राजील, बांग्लादेश, रूस और मैक्सिको की जनसंख्या कहीं पीछे है। बता दें कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के शुरू होने से पहले 45 करोड़ के श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया था। बीते 11 फ़रवरी को उनका ये अनुमान सच साबित हो गया। वहीं 14 फ़रवरी तक ये आंकड़ा 50 करोड़ के पार हो गया है।
फ़िलहाल महाकुंभ में 12 दिन और एक महत्वपूर्ण स्नान पर्व शेष हैं और स्नान करने वालों की ये संख्या 55 से 60 करोड़ के ऊपर जा सकती है। अब तक के कुल श्रद्धालुओं की संख्या की बात करें तो सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति पर पावन अमृत स्नान किया था। वहीं एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ से ज्यादा और पौष पूर्णिमा पर एक करोड़ 70 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई थी।
इसके अलावा बसंत पंचमी पर 2 करोड़ 57 लाख श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई थी। वहीं माघी पूर्णिमा के महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर भी दो करोड़ से अधिक शद्धालुओं ने संगम में पावन स्नान किया था। प्रयागराज का महाकुंभ सिर्फ ऐसे आस्था रखने वालों का महासमागम नहीं है जो सिर पर गठरी लिए कई- कई किलोमीटर पैदल चलकर संगम तक पहुंचते हैं और स्नान कर घर वापस लौट जाते हैं। बल्कि महाकुंभ देश और दुनिया के धनी और सामर्थ्यवान लोगों को भी अपनी ओर खींच रहा है, जो अपने प्राइवेट जेट या चार्टर्ड से महाकुंभ पहुंच रहे हैं। प्रयागराज एयरपोर्ट पर हर दिन इतने चार्टर्ड और प्राइवेट जेट आ रहे हैं
दरअसल प्रयागराज में सिर्फ गाड़ियों और वाहनों की पार्किंग में मुश्किल नहीं है, बल्कि एयरपोर्ट पर इन प्राइवेट जेट और चार्टर्ड के लिए भी इंतजार करना पड़ रहा है। बता दें कि 11 फरवरी को सबसे ज्यादा 71 चार्टर्ड फ्लाइट प्रयागराज में उतरे थे, जो अब तक का रिकॉर्ड है। यहां 8 फरवरी के बाद प्रतिदिन 60 से ज्यादा चार्टर्ड और निजी प्लेन उतर रहे हैं। वहीं 14 फ़रवरी तक कुल 650 चार्टर्ड फ्लाइट यहां उतर चुके हैं। जो की एक विश्व रिकॉर्ड बन गया है।
दरअसल देश के बड़े उद्योगपति, राजनेता सेलिब्रिटी, विदेशी राजनयिक और फिल्म और मनोरंजन से ताल्लुक रखने वाले हजारों लोग चार्टर्ड से आकर महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं। चार्टर्ड के अलावा स्पाइसजेट, इंडिगो, और एयर इंडिया के रेगुलर विमान भी लगभग 300 की संख्या में प्रति हफ्ते उतर रहे हैं। कुल मिलाकर संगम की नगरी प्रयागराज में चल रहा दुनिया का सबसे बड़ा आधात्मिक मेला यानी महाकुंभ इतिहास रच रहा है। वहीं 14 जनवरी से शुरू हुए इस आध्यात्मिक मेले में अभी भी रोजाना बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। इसके अलावा महाकुंभ में अब चार कीर्तिमान बनाने की तैयारी है। जिसमे मुख्य रूप से सफाई अभियान को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं।