टोल सिस्टम को लेकर नितिन गडकरी का बड़ा ऐलान
26 Jul 2024
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केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बड़ा फैसला लेते हुए मौजूदा टोल व्यवस्था को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही सैटेलाइट टोल कलेक्शन सिस्टम की भी घोषणा की गई है। मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार टोल खत्म कर रही है और जल्द ही सैटेलाइट आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इस सिस्टम को लागू करने के पीछे का उद्देश्य टोल कलेक्शन को बढ़ाना और टोल बूथों पर भीड़ कम करना है।
राज्यसभा में लिखित जवाब देते हुए मंत्री गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय 'ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम' (जीएनएसएस) लागू करने जा रहा है। फिलहाल यह व्यवस्था कुछ चुनिंदा टोल बूथों पर ही होगा। नितिन गडकरी ने कहा था, ''अब हम टोल खत्म कर रहे हैं और सैटेलाइट आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम होगा। जिसमें आपके बैंक खाते से पैसे काट लिए जाएंगे और आपकी दूरी के अनुसार शुल्क लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे समय और धन की बचत होगी। पहले मुंबई से पुणे जाने में 9 घंटे लगते थे, अब यह घटकर 2 घंटे रह गए हैं।
सैटेलाइट टोल सिस्टम क्या है?
सैटेलाइट टोल सिस्टम यह एक अत्याधुनिक तकनीक है, जिसमें सैटेलाइट्स का उपयोग करके वाहनों से टोल वसूली की जाती है। इस प्रणाली की सहायता से वाहन पर एक विशेष जीपीएस उपकरण लगाया जाता है जो वाहन की स्थिति और यात्रा किए गए मार्ग की जानकारी सैटेलाइट को भेजता है। सैटेलाइट के माध्यम से इस जानकारी का विश्लेषण करके वाहन के उपयोग के आधार पर टोल शुल्क स्वचालित रूप से कट जाता है। वर्तमान में फास्टैग आधारित टोल प्रणाली में हाईवे का इस्तेमाल करते समय हमें छोटी दूरी के लिए भी पूरा टोल देना पड़ता है। जबकि, सैटेलाइट टोल प्रणाली में यात्रा की गई दूरी के लिए टोल का भुगतान करना होगा।